ना कोई ताला है ना कोई पिंजरा है तुम तो सिर्फ अपने मन में ही कैद हो ये जरूरी नहीं कि कि ऊंचे आकाश में पंख खोल उड़ जाओ पर कम से कम इतनी तो उन्मुक
मेरी चाह ऐसे जीवन की है जैसा जीवन मेरे आँगन के पेड़ की अथाह पत्तियों का है … हवाएं चाहें गर्म हों या हों सर्द मदमस्त झूमती रहती है कड़ाके की धुप हो या हो बेतहाशा बारिश
मैं लेखक वही लिखने को पन्ने भी वही पर मैंने अपने कलम की स्याही का रंग बदल दिया पहले जो कलम कोरे पन्नों पर कल्पनाएं सजाती थीं अब उन्हीं पन्नों पर यथार
सत्य व असत्यअनिल और सुनिल दोनों बहुत ही घनिष्ठ मित्र व सहपाठी भी थे। वे कक्षा - सात में पढ़ते थे। अनिल एक बुद्धिमान लड़का था। वह सत्य में विश्वास करता था। वह कभी असत्य नहीं बोलता था, जबकि सुनिल असत्य
दिनू की कहानीएक समय की बात है । खेड़ा नामक एक गांँव में एक अमीर साहूकार हेमा रहता था । वह बहुत ही धनवान था । गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे । इस वजह से साहूकार घमण्डी और अहंकारी हो गया था ।
चाहत किस-की...? एक समय की बात है, एक व्यक्ति अपनी हाल ही में एक कार खरीदी वो उस को बड़ी चाहत से धुलाई करके चमका रहा था। उसी समय उसका पांच वर्षीय लाडला बेटा, किसी नुकीली चीज से कार पर कुछ लिखने लग
हर व्यक्ति के पास दुनिया को प्रेरित करने के लिए एक कहानी है, बस उसे दिल से महसूस करने की जरूरत है। (Every person has a story to inspire the world, just needs to feel it from the heart.) एक भीड़भाड़
अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें... इंजीनियर अजीत सोनकर अजीत सोनकर का जन्म 1 मई, 1988 को हुआ था। उन्हें एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, कार्यकर्ता और युवा राजनेता के रूप में मान्यता प्राप्त है, ज
सुनो, बहुत दुष्कर है तुम्हारे लिए, मुझे स्पर्श कर पाना, तब जबकि मैं मुझ सा मुझमें हूँ । और, असंभव है तब तो, जब मैं मुझ सा, तुझमें हूँ । @नील पदम्
दर्द से इस कदर तड़प रहा था वो कि, अपना दर्द भूल कर उसको दवा दे दी, इस तरह तो कुछ ऐसा हुआ कि, जज को किसी मुल्जिम ने सजा दे दी । @नील पदम्
कुछ भरे-भरे से हैं हम, ये जान कर, वो भी भर आये, मुझे अपना मान कर, और भर लिया हमें अपने आलिंगन में अपने, हम और भी भर आये, इतना पहचान कर । @नील पदम्
सर्द रात का कहर,यूं थमता हर पहर,कर रहे मिलकर ये इशारा,दहशत पूछ रही पता हमारा...सन्नाटे का बढ़ता शोर,फ़ैल गया है चारों ओर,बनकर वक़्त भी काला चोर,अंधेरे में घूम रहा हर ओर...आजमाइश की ये तपती रेत,बनाकर ह
एक कहानी मेरी शुरू करता हूं आज से, मैं बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद खुद को जॉब के लिए तैयारियों में लगा हुआ था ओर साथ ही साथ मैं उसके प्रेम में पड़ चुका था। अब मैं घर से पुनः उसी जगह आ चुका था जहा
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। वहां के लोग गर्मजोशी और एकता से जुड़े रहते थे। उनका एक बेटा राकेश बहुत ही उत्साही और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पित था। एक दिन गांव में
।।अथ शाबरीकवचपाठ ।।ॐ सर्व विघ्ननाशाय । सर्वारिष्टनिवारणाय । सर्वसौख्यप्रदाय । बालानां बुद्धीप्रदाय । नानाप्रकारकधनवाहनभूमिप्रदाय । मनोवांछितफलप्रदाय । रक्षां कुरु कुरु स्वाहा ।। ॐ गुरवे नम: । ॐ श्रीकृ
।।अथ शाबरीकवचपाठ ।।ॐ सर्व विघ्ननाशाय । सर्वारिष्टनिवारणाय । सर्वसौख्यप्रदाय । बालानां बुद्धीप्रदाय । नानाप्रकारकधनवाहनभूमिप्रदाय । मनोवांछितफलप्रदाय । रक्षां कुरु कुरु स्वाहा ।। ॐ गुरवे नम: । ॐ श्रीकृ
दिल से पुकारो! मददगार ही मददगार दिखाई देंगे... (𝓐 𝓼𝓽𝓸𝓻𝔂 𝓸𝓯 𝓒𝓪𝓻 𝓟𝓪𝓷𝓬𝓱𝓻) जनवरी 2023 की बात है अपने कुछ दोस्तों के साथ एक सरिस्का ट्रिप से वापस आ रहा था , सुबह 08 बजे निकलते थे और सफर
रिवर्स साइकोलॉजी क्या है? रिवर्स साइकोलॉजी एक मनोविज्ञानिक सिद्धांत है जिसमें मनोवैज्ञानिक विचार और तकनीकों का उपयोग करके व्यक्ति के व्यवहार के पीछे छिपे मन की प्रक्रिया और संवेदनशीलता को समझने का
अब तक आपने पढ़ाआदि अपने दोस्तो से हट कर एक कोने में खड़ा हो गया और अनिका को देखने लगा । अब आगेअनिका को भी आज थोड़ा अजीब लग रहा था , वो समझ नहीं पा रही थी , कि आदि के देखने से आज उसे ऐसे क्यों हो
बहूत ख़ुशनसीब होंगे वो दीवाने, जिन्हें तुम्हारी मुस्कान मिल जाती होगी ।। उनकी शाम मस्तानी होती होगी, जिन्हें तुम्हारी एक झलक दिख जाती होगी ।। देख तुम्हे यूँ मुझे लगता है, तुम वो फूल हो जिसे पा