दो साल का एक बालक सुई से खेलते-खेलते अचानक अपनी बाईं आँख फुड़वा लेता है। उसकी एक आँख चली जाती है और संक्रमण के कारण चार साल की उम्र में उसकी दूसरी आँख भी चली जाती है और वह पूरी तरह नेत्रहीन हो जाता है। यह दर्दनाक कहानी सन् 1809 में फ्रांस में जनमे लु
‘यादें घर आँगन की’ हिंदी के वरिष्ठ और सम्मानित कवि कथाकार प्रकाश मनु जी के दुर्लभ आत्मीय संस्मरणों की पुस्तक है, जिसमें उन्होंने खुलकर अपने घर आँगन और परिवेश के बारे में लिखा है। पुस्तक में उनके बचपन और किशोरावस्था की दुर्लभ स्मृतियाँ हैं, जो जाने अन
संघ के प सरसंघचालक पूज्य सुदर्शनजी का ऋषितुल्य जीवन भौगोलिक व मत-पंथ की सीमाएँ लाँघकर देश-विदेश के लक्षावधि अंतःकरणों में एक प्रेरणापुंज के रूप में बसा है। हमारे ऋषियों ने कहा, ‘यानि अस्माकं सुचरितानि तानि त्वया सेवितम्’ यानी उनके जीवन के जो आदर्श है
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे और द्वारका के संघर्षशील दिनों की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की पांचवीं किताब है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन् 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने की थी, लेकिन इसे वैचारिक आधार द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्रीगुरुजी’ ने प्रदान किया था। संघ निर्माण के मात्र पंद्रह साल बाद ही डॉ. हेडगेवार गुजर गए, लेकि
जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है। जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, औ
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
पटकथा लेखन एक विशिष्ट विधा है, जिसमें शब्दों की भूमिका पढ़े जाने के बजाय देखने की होती है। मीडिया का क्षेत्र व्यापक होने और विजुअल मीडिया की गतिविधियाँ हमारे यहाँ तेज होने के बाद पटकथा-लेखन एक प्रमुख विधा के रूप में सामने आया और जिन लेखकों ने इस दिशा
परम वैभव के लिए सर्वांग स्वतंत्रता अखंड भारत भारतीयों के लिए भूमि का टुकड़ा न होकर एक चैतन्यमयी देवी भारतमाता है। जब तक भारत का भूगोल, संविधान, शिक्षाप्रणाली, आर्थिक नीति, संस्कृति, समाज-रचना, परसा एवं विदेशी विचारधारा से प्रभावित और पश्चिम के अंधानु
संघर्ष, समय और आत्मनिरीक्षण से प्रबुद्ध, नीलोत्पल अपने अनुभवों के सार को आकर्षित करते हैं और एक दिलचस्प कहानी बुनते हैं। जो वास्तव में अनगिनत सपनों की अनकही सच्ची कहानी है। जब आप इस उपन्यास को पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि मुखर्जी नगर में एक तीन मंजिला इम
मद्रास की एक सभा में स्वामी विवेकानन्द के परिचय में कहा गया कि वे अपना घर-परिवार, धन-संपत्ति, मित्र बंधु, राग-द्वेष तथा समस्त सांसारिक कामनाएं त्याग चुके हैं। इस सर्वस्वत्यागी जीवन में यदि अब भी वे किसी से प्रेम करते हैं, तो वह भारतमाता है; और यदि उन
11 अक्तूबर, 1916 की शरद पूर्णिमा को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी जिले के हिंगोली तालुका के कडोली गाँव में अमृतराव देशमुख की धर्मपत्नी राजाबाई की कोख से एक पुत्र ने जन्म लिया। शिशुकाल में ही नाना माता-पिता की स्नेहछाया से वंचित हो गए। नाना
दिल्ली से कृष्णा सोबती का रिश्ता बचपन से है। आज़ादी से पूर्व उनका वेतनभोगी परिवार साल के छह माह शिमला और छह माह दिल्ली में निवास करता था। अपने किशोर दिनों में वे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हॉकी खेलती रही हैं। बँटवारे के बाद लाहौर से आकर वे स्थाय
The story of Jayaprakash Narayan before independence and after independence is almost equally divided. Understanding JP is an essential link for understanding the country. Luminaries of the August Revolution whose life passes from a revolutionary Mar
पराक्रम सिंह जडेजा ने राजकोट में किया दीपक दधोती ने बेलगाम में किया विभोर अग्रवाल ने मेरठ में किया टेक मी होम उन 20 उद्यमियों की कहानी है जिन्होंने अपनी जड़ों के प्रति सच्चे रहते हुए उल्लेखनीय उद्यम बनाए हैं। भारत भर के छोटे शहरों से, वे स्थानीय रूप
Narendra Modi is one of those politicians whose name prompts extremes of hate-filled anger or outright adulation. VISHAM will reveal hitherto unknown aspects of Narendra Modi's psyche: From his humble beginnings as an RSS pracharak to his rise in the
In this literature, the journey of the great man Shri Narendra Damodardas Modi ji from childhood to December 2019 has been written, Modi ji started from selling a tea in a middle-class family and today is on the post of Honorable Prime Minister of In
भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक समाज-सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वराज की माँग उठाई। उनका कथन ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ ने स्वाधीनता सेनानियों में नया जोश भ
रामेश्वरम में पैदा हुए एक बालक से लेकर भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बनने तक का डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन असाधारण संकल्प शक्ति, साहस, लगन और श्रेष्ठता की चाह की प्रेरणाप्रद कहानी है। छोटी कहानियों और पार्श्व चित्रों की इस शृंखला में डॉ. कल
डेढ़ चप्पल पहनकर घूमता यह काला लम्बा, दुबला शख़्स कौन है? हर बात पर वह इतना ख़़ुश कैसे दिखता है? उसे भूलने का बटन देने वाला श्यामा धोबी कहाँ छूट गया? कुलभूषण को कुरेदेंगे, तो इतिहास का विस्फोट होगा और कथा-गल्प-आपबीती-जगबीती के तार निकलते जायेंगे। कुलभूष