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जीवनी – संस्मरण की किताबें

Biographical Memories books in hindi

जीवनी संस्मरण के सर्वश्रेष्ठ संग्रह को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में कई महान और रोचक व्यक्तित्वों के आत्मकथा तथा उनके संस्मरण हैं। इस संग्रह में लेखकों ने अपने जीवन में हुए अनोखे अनुभवों को भी साझा किया है। यहां उन महापुरुषों का भी जीवन संग्रह है जिनकी जीवनी अपने इतिहास का साथी न बन पायी। इसके लिए लेखकों ने वैज्ञानिक तरीकों से तथ्यों को सुलझा कर सटीक समीकरण निकाला है। तो जानते हैं विभिन्न व्यक्तित्वों के उनके जीवन को उन्हीं के शब्दों में।
आधुनिकता (पिता जरूरत या बेकार)

एक पिता अपने जीवन के सब सुनहरे पलो को छोड़ देता हैं अपने बच्चों को कामयाब बनता हैं और पिता की कीमत उससे पूछो जिसके पिता नहीं हैं

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मेरी जिंदगी है तुझसे मां❤️

मेरी जिंदगी है तुझसे मां, तुझ बीन ये जिंदगी है अधुरी मां...❤️

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# GOLDEN &TIME $

1.इंसान को कभी भी किसी अवसर का इंतजार नही करना चाहिए, क्योंकि जो आज है वही सबसे बड़ा अवसर होता है। 2.गलत तरीकों से कामयाबी प्राप्त करने से कई गुना बेहतर है, सही तरीके अपनाकर नाकामयाब हो जाना। 3.जिंदगी का हर एक छोटा हिस्सा भी हमारी जिंदगी की काम

5 पाठक
4 अध्याय
23 अगस्त 2023
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जीवनी - रानी दुर्गावती

विरांगना रानी दुर्गावती का स्वाभिमान

4 पाठक
2 अध्याय
9 नवम्बर 2022
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इच्छा

सभी इच्छायें जहाँ होंगी वहाँ कोई ना कोई जाल मिलेगा, उसमें फँस कर ख़ुश होता इंसानी लाल मिलेगा। ज़रूरतें पूरी हो जाना ही सिर्फ़ काफ़ी नहीं, दूसरों की नक़लों में हरपल बहाता माल मिलेगा। संतुष्ट नहीं होता अपनी हैसियत और हस्ती से, और-और करके हरदम बजाता ग

0 पाठक
2 अध्याय
29 दिसम्बर 2022
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मुंशी प्रेमचन्द

धनपत राय श्रीवास्तव ३१ जुलाई १८८० – ८अक्टूबर १९३६ जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। और उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के नज़दीक लमही गांव में हुआ था। पिता का नाम अजायब र

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 माँ

माँ ही मंदिर माँ ही कावा शिवाला माँ का नाम ही उत्तम जग में , माँ ही पालन हारा ! माँ ही दुर्गा माँ ही लक्ष्मी माँ ही सृष्टि के रचन हारा माँ से मानव का अस्तित्व है , माँ का नाम जग में निराला ! माँ अस्तित्व है माँ ही धरती माँ ही सवको पाला , म

2 पाठक
1 अध्याय
8 मार्च 2022
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RAKESH की डायरी

आम नागरिक की जीवनी के साथ ही उनके कार्य और दिनचर्या के वो किस्से जिनसे ना केवल अपनी तारीफ बल्कि उन सभी कर्तव्य जो एक आम इंसान में होते हो

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अन्नपूर्णा

यह कहानी एक बेटी की है।जो कम पढ़ी-लिखी है। दुनिया के ताने लगातार उसे कमजोर करते हैं।पर उसने हिम्मत नहीं हारी। और किस तरह से वे अनपढ़, गंवार एक अन्नपूर्णा बनती है यह दिखाया गया है

3 पाठक
1 अध्याय
20 सितम्बर 2022
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आईने के उस पार

एक ऐसी कहानी जिसमे एक आईना भविष्य बताता है।आखिर ये आईना अवनी को कहाँ ले जाएगा?

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मेरी कहानी

यह मेरी जीवनी है। एक पत्रकार की कहानी। मैंने इस कहानी को जीया है। मैं ही इस कहानी का नायक हूं। मैंने अपने जीवन के 32 बरस पत्रकारिता को दिए हैं। गुजरे इन बरसों में पत्रकारिता ही मेरा धर्म भी रही और जुनून भी। व्यवसाय भी और कर्तव्य भी। लक्ष्य भी और आत्

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अनुभव

इस किताब के माध्यम से आपको मेरे अनुभवों के बारे में जानने के लिए मिलेगा , जिसको मेने कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया है.

2 पाठक
5 अध्याय
21 अक्टूबर 2022
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यादें

आओ कुछ यादें हम साझा करें एक साथ, अपने एहसासों और खूबसूरत पल को , बांटे आप के साथ । आओ साथ में मिलकर अपनी यादों , को तरो ताज़ा कर जाएं । इस किताब के माध्यम से , आपको दैनिक प्रतियोगिता का भी , मिलेगा मजेदार शीर्षक । आओ बह चले इस कविता , के

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BEYOND THE TRUTH ( तीसरी आंख)

मनुष्य जीवन में कई तरह के संघर्ष करने पर ही जिंदगी को आगे बढ़ाया जा सकता है। जीवन जीने का मतलब जीना नहीं है अपितु उच्च विचार, अच्छे आदर्श परिवार को सही स्तर से भरण-पोषण अध्यात्मिक ज्ञान और मर्यादाओ को बनाए रखकर चलना होता हे। तथा माता- पिता की सेवा ।व

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कर्मयोगी नरेश बाबू

जिनका जन्म हुआ है उनकी मृत्यु भी निश्चित है | जीवन-मृत्यु प्रकृति का शाश्वत सत्य है | जिस तरह बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता, उसीतरह जो दिवंगत हो जाते हैं, कभी नहीं लौटते | मात्र उनकी यादें हमारे मानस पर बरबस आती रहती है | उनकी क्रियाकलापें, उनकी बात

2 पाठक
29 अध्याय
26 फरवरी 2022
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यादें

अपने जीवन के खट्टे मीठे संस्मरणो को कहानियों का रूप देते हुये एक जीवनी /उपन्यास लिखने का प्रयास

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बुआ जी के घर :जोगेश्वरी सधीर

बुआ जी के घर रहते हुए जीवन के विभिन्न रूप दिखे. गांव के लोगों का निश्छल जीवन था तब और आज की तरह वो राजनीती के शिकार नहीं हुए थे.

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जिंदगी

जिंदगी में परेशानियां कितनी भी आएं कभी भी अपने आप को कमजोर मत पड़ने देना . याद रखना ये परेशानियां ही आप को मजबूत बनातीं हैं. ये बो सबक सिखा के जातीं हैं जो कोई किताब या ब्यक्ति नहीं सिखा सकता. और फिर भी समझ में न आये तो याद रखना. सूरज क

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मेरा शहर ( कहानी  प्रथम क़िश्त)

तीन दोस्त जिनकी उम्र लगभग 13'-14 वर्ष की थी। परीक्षा के पास वे तीनों एक दिन ट्रेन में बैठकर डोंगरगढ माता के दर्शन के लिये जाते हैं । ट्रेन मेँ तीनों रायपुर के बाद सो जाते हैं और उनकी नींद खुलती है ट्रेन के नागपुर पहुंचने के बाद। वे तीनों घबरा कर

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