*जुगनू की राह*बन सको तो सूरज तुम बननादुनिया के तम को तुम हरनाकण कण प्रकाशमान हो इस जग कातुमको ऐसा आधार है बनना।बन सको तो चाँद तुम बननासबको तुम शीतलता देनाबिखेर चाँदनी नभ और तल मेंसबके हृदय में सुकून भ
लहरों जैसे बह जाना ✒️मुझको भी सिखला दो सरिता, लहरों जैसे बह जानाबहते - बहते अनुरागरहित, रत्नाकर में रह जाना।बड़े पराये लगते हैंस्पर्श अँधेरी रातों मेंघुटनयुक्त आभासित होलहराती सी बातों मेंजब तरंग की बलखातीशोभित, शील उमंगों कोक्रूर किनारे छूते हैंकोमल, श्वेत तमंगों कोबंद करो अब और दिखावे, तटबं