हां,आइये ,आइये ,पीछे सीट खाली है ,वहां चले जाइये,टिकट ले लीजिये भाई।हां लाइये। भाई बस कहां जा रही है?हरिद्वार ।सीट है? हां पीछे निकल जाइये। ऐ माता जी ,जरा उठ के बैठिये न ,पूरी सीट घेरे हैं। भैया बडा़ लम्बा सफर है,बहुत दूर जाना है। अरे हमें भी दूर जाना है,थोडा़ तो एडजस्ट कीजिये।
"ऐ" ।"क्या है?" ।" जरा पीछे देखिये न"। "क्यों?पीछे क्या है?"। "देखो नयी नवेली दुल्हन अपने पति और सास के साथ बैठी। कितने जेवर लादे जा रही"। " तुम औरतों के पंचायत बहुत रहती,किसने क्या और कितना पहना,किस रंग का पहना"।
"हटो जी! "। "ऐ माता जी ,बहू को पहली बार विदा कर ले जा रही हैं क्या?वो भी बस में"। अरे नहीं रे। विदाई तो कार मे हुयी थी। आज तो तीसरा दिन है। हमने कहा गौरव के पापा से, बेटा व बहू पहले हरिद्वार जाकर भगवान का आशीष लेंगे फिर ही अपने रिश्ते की शुरुआत करेंगे। बुदबुदाते हुये--शादी के बाद सब हनीमून पर जाते ये अपने बेटे को हरिद्वार ले कर जा रहीं।अरे वहां ही अकेले भेज देतीं। सब अपने में मस्त सफर का आनंद ले रहे थे।
समोसेएए ,ताजा गर्म समोसेएए। लीजिये भाई खाइये ताजा मूंगफली,खस्ता मूंगफली,। पांच रु़ पैकेट ,पांच रुपये पैकेट। मम्मी मूंगफली ले दो न। दे दो भइया एक पैकेट।
"सुनो जी ,लता के यहां जा रहे हैं ,उसके लिये गिफ्ट में जो सोने की...."।"चुप रहो!कोई सुन लेगा ,मैंने रख ली है और वो नगद (फुसफुसाते हुये)पचास हजार भी रख लिये हैं ।
"ऐऐ माई ,तुम्हारे बाल बच्चे सुखी रहें,भगवान खूब दे,थोडी़ भीख दे ना"। "चलो ,चलो आगे बढो़ ,छुट्टे नहीं हैं"।
ऐऐ भइया,दुखी गरीब को कुछ दे ना। " ये मोबाइल लेगी ,ले तू हम सभी के ले जा,वहां एक सीट पर बैठे लड़के उसकी झोली में मोबाइल डाल कर हंसने लगते हैं।
"मैं क्या करेगी इसका"।
रुको ,रुको भाई। बस में सीट है ? ।अब तो नहीं ,पीछे अगली बस आ रही है ,उसमें चले जाइये।
एक आदमी ,(फुसफुसाता हुआ)वैसे भी ये तू इतना मोटा कि गेट से अंदर घुस पायेगा कि अंदर ही आयेगा हा हा हा।
हां भाई,पेट खराब रहता है?खट्टी डकारें आती हैं? गैस निकला करती है? आवाजें आती हैं? ये एक गोली ,बस एक गोली ,सब समस्या का निवारण करेगी। बस सुबह खाली पेट लीजिये,पेट साफ हो जायेगा । ज्यादा दाम नहीं ,बस 10 रु पैकेट,10 रु पैकेट । या फिर ये चिंता निवारण चूरन। पानी में घोलिये और गटक जाइये ।बस.... उफ!जगह जगह बस रुक जाती है।कितनी गर्मी ,ऊपर से ये वेंडर आकर दिमाग चाटने लगते हैं।
एक औरत --बहन जी,आप कहां से आ रही हैं?
दूसरी औरत --अंबाला से आ रही हूं। लम्बा सफर है, कल की रात से बैठी हूं ।हरिद्वार जाना है।
पहली औरत-- अंबाला!वहां आपका मायका है?
दूसरी औरत-- हां।
पहली औरत-- अरेएएए मैं भी तो वहीं रहती हूं,आप किस मोहल्ले में?
दूसरी औरत--- सुंदर नगर।
पहली औरत-- अरे उसी के पास में जो दूसरा मोहल्ला ,वहां मैं रहती हूं।फिर तो हम बहने जैसे हुये।लीजिये ,लड्डू खाइये,खास देशी घी के बनाये हैं।
दूसरी औरत--नहीं नहीं।
पहली औरत--- अरे संकोच क्यों करती हैं?और जबरदस्ती उसके हाथ में और आसपास की औरतों के हाथ में रख देती है।
रात होने को आई है। और वे औरतें जिन्होने लड्डू खाये थे,वे उसके पहले से ही घर्रांटे मार कर सो रहीं ,जैसे आसपास की दुनिया की कोई खबर ही नहीं।
मां खाने का टिफिन खोलो न ,भूख लग रही।"हां बेटा ,अरे बिट्टू के पापा जरा झोले से बोतल निकालिये न ।हाथ धो लीजिये । खाना खा कर सोते हैं।
खाना खा कर वे सो जाते हैं।
मां ,मैं जगूं,आप और नन्दिनी सो जाओ।मेरा जगना जरूरी है,नन्दिनी इतने गहने पहने है तो उसकी सुरक्षा भी जरूरी है। ठीक है बेटा,थोडी देर हम लोग सो लें फिर तू सो जाना हम जग लेंगे। ठीक है मां। और वो दुल्हन और उसकी सास सो जाते हैं।
सुबह हो जाती है।
वे औरतें--- अरेएए इतना सिर क्यों दुख रहा है।
हां मेरा भी।हां मेरा भी। तभी उनमें से एक जो अंबाला से आने को बताई थी वह चिल्लाती है ,अरेएएएए हमारा सामान कहां गया?तुम लोगों का सामान भी कहां है?
दूसरी औरतें---ऐऐऐऐ हमारा सामाआआआन हाआआय लगता है तो औरत हमें अपने झांसे मे लेकर लड्डू खिलाकर हमारा सामान लेकर चंपत हो गयीईईई।हांआआआआ।
अरे ऐ कंडक्टर साहब हमारे साथ यहां एक मोटी सी भद्दी सी दिखने वाली औरत बैठी थी वो कहां गयी आपको पता है?
कंडक्टर---वो तो रात होने के पहले ही उतर गयी थी जब आप लोग घर्रा रही थीं।
हाय!हम लुट गये ।
च्याय ,गरेएएम च्याय। दो रु प्याली च्याय । मां जी चाय लेंगी?
भाई ,पहले हाथ मुंह धो लूं। और सब हाथ मुंह धोकर चायपानी करने लगते हैं।
ताजा खबर!ताजा खबर !आज की ताजा खबर। भारत सेमी फाइनल मे जीत कर फाइनल में पहुंचा। ताजा खबर !ताजा खबर!भाईसाहब पेपर लेंगे?
हां भाई दे दे।
गाडी़ फिर चल देती है।
ड्राइवर दो रातों का जगा होता है बस चलाने की वजह से तो उसे बहुत तेज नींद आ रही होती है पर अपने पर नियंत्रण रख वह बस चलाते रहता है।
धीरे धीरे इस लम्बे सफर में बस चल रही होती है और तभी ड्राइवर अपनी नींद काबू में न रख पाता है ,एक आदमी सामने से तेजी से आ रही ट्रक को देखकर चिल्लाता है,एएएए देख केएएएए.. ... ......और ट्रक बस में टक्कर मारता है। टक्कर इतनी तेज होती है कि बस पलट जाती है। आआआआआ....हाआआय....हेएएएए चारों तरफ चीख पुकार मच जाती है। कुछ लोग मर जाते हैं तो ज्यादा तर घायल हैं जो दर्द से कराह रहे हैं। ट्रक चालक ,ट्रक छोड़कर भाग जाता है। स्थानीय लोग दौड़ पड़ते हैं पर ये क्या! उनमें से कोई किसी का मोबाइल और जेब के पैसे लूटने लगता है तो दूसरा लोगों के झोले खोल खोल जो होता है वो लेकर भागता है ।जिसको जो मिलता वो वो लेने के लिये जुटा पडा़ होता है। उन महाशय के पचास हजार रुपये और वो सोने की चेन लोग लूट लेते हैं।
लोगों के हाथों में गले में ,कानों में जो कुछ भी थोडा़ बहुत सोने का होता है वह उसे जबरदस्ती निकालने में पडे़ हैं। जिसके कान का न निकल रहा उसका कान ही काट दिया जा रहा और वह घायल बेचारा अपनी सुरक्षा भी न कर पा रहा होता है। उंगली से अंगूठी न निकली तो उंगली ही काट कर ले गये। घायल दर्द से चीख रहे आआआआह हहहह ,ओओओओहह पर लोग उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय इंटरनेट पर वायरल करने को वीडियो बना रहे हैं। उस दुल्हन का पति एक्सिडेंट में मर जाता है ,बेटे के पास घायल सास कराह रही है और कुछ दूरी पर घायल दुल्हन के लोग जेवर लूट रहे हैं । उसके कानों के झुमके के लिये कान काट दिया जाता है। अंगूठी जो वह तीन उंगलियों मे पहने होती है वह तीनों उंगलियां काट ली जाती हैं। अरेएए हैवानों मदद के बजाय ये क्या आचरण कर रहे हो? सास चिल्लाती है पर घायल होने के कारण बेबस है। तभी उनमें से एक दुल्लन को (जो घायल है और पति को मृत देखकर चीख रही है )घसीट कर झाडी़ मे ले जाता है। उसे देखकर पांच लोग और दौड़ पड़ते ,बचाने के लिये नहीं। वहां वो उस घायल ,बेबस दुल्हन का सामूहिक बलात्कार करते हैं ।
बाकी लोग उसका वीडियो बना रहे हैं।
बस ट्रक से टकराकर पलटी । और लोगों ने अपनी सारी हदें पार कर दीं।
ये कैसी हैवानियत !
इंसान जानवरों से बद्तर हो गया है?
एक पक्षी भी घायल होता है तो बाकी अपनी अपनी आवाजें करते उसको चारों तरफ से घेरकर इकट्ठा हो जाते हैं सहानुभूति मे। जानवर भी यही करते हैं । पर इंसान!
उफ!
अकबार के फ्रंट पेज पर खबर छपती है।
प्रभा मिश्रा 'नूतन'