कुछ अनकही बातें, कुछ रूठी राहें,कुछ छूटे साथ,कुछ टूटे ख़्वाब। दरिया ए ज़िन्दगी की मौजों का अहसास समेटे हुए है ये किताब।
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<div><span style="font-size: 16px;">तेरे ख्याल को अब ख्यालों से जुदा कर चले,</span></div><div><span