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कोमलता मत खो देना

9 नवम्बर 2021

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ह्र्दयहीनता देख प्रिये तुम , कोमलता मत  खो देना।
दूध सी उजली मुस्कानों को,शुष्क ह्र्दय में बो देना।


तेरे  होठों की  लाली से ,  उषा का  अवतरण हुआ।
तेरी जुल्फों की रंगत से ,ज्योति का अपहरण हुआ।
तेरे नैन में पलती खुशियाँ  , कभी कहीं मत रो देना। 

ह्र्दयहीनता  देख प्रिये तुम, कोमलता मत खो देना।

पाता है रवि रौनक तुमसे,  चाँद- सितारे  शीतलता।
पवन सुगंध हिरण चंचलता, रसिक नयन को मादकता।
संवेदन  से शून्य  जगत को ,  बन  सकता जो वो देना।

ह्र्दयहीनता  देख  प्रिये  तुम ,  कोमलता मत  खो देना।

तेरी  प्रेरणा  से  ही मैंने,  कर में  कलम उठाया है।

प्यार तुम्हारा तम में लौ बन, मंजिल मार्ग दिखाया है।
दिल का  एक भरोसा तुम हो , दिल टूटे ना  वो देना।

ह्र्दयहीनता  देख  प्रिये तुम , कोमलता मत खो देना।

---- सतीश मापतपुरी

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