कठोपनिषद् तेरह प्रमुख उपनिषदों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपनिषद है। यह उपनिषद हमारी वो कहानी कहता है जो प्रतिदिन घटती है। बालक नचिकेता के मृत्यु से किए गए सरल सवालों में जीवन के अनदेखे पक्ष सामने आते हैं। "क्या वाकई कोई मृत्यु के देवता होते हैं?" "एक आम व्यक्ति के लिए यमराज का क्या अर्थ है?" "नचिकेता के वो तीन प्रश्न कौन से थे जिनसे यमराज भी प्रसन्न हुए?" इन सारे प्रश्नों की आचार्य जी ने 'कठोपनिषद्' पुस्तक में बड़ी रोचक और मनोतीत व्याख्या की है। यह पुस्तक संस्था द्वारा आपके भीतर बैठे नचिकेता के लिए एक प्रेमपूर्ण उपहार है।
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