गुलाब हम, गुलाब तुम
भले हीं हममे, तुममे कुछये रूप रंग का भेद हो है खुशबुओं में फर्क क्या, गुलाब हम, गुलाब तुम भले ही शब्द हो अलग, अलग-अलग हों पंक्तियाँ अलग-अलग क्रियाएँ हों,अलग-अलग विभक्तियाँ मगर हृदय से पूछिए, तो अर्थ सबका एक है बता गयी है कान में, ये बात शब्द शक्तियाँ भले हीं हममे, तुममे कुछकथन के ढंग का कुछ भेद हो म