- आज के समय में लैला मजनू वाला प्रेम तो सब करते है परन्तु क्या उस समय के प्रेम की परिभाषा को कोई समझता है लैला मजनू को जब भी मौका मिलता था वो तुरंत इक दूसरे के बाहों में होते थे लेकिन वो कभी भी अपनी मर्यादाओ को नहीं भूले वरना वो दोनों भी कुंवारे माँ बाप बन जाते दोनों सदा एक न हो सके वो किस्मत की बात थी परन्तु आज कल उल्टा है जरा सा प्यार हुआ न लड़की प्रेग्नेंट तरुंत हो जाती है और लड़का कही दुबक जाता है लड़की या तो मर जाती है या उस पापी प्यार के निशानी को चुपके से संसार में लाती है और लात घूसे खाती है औरसमाज कुछ नहीं करता सिर्फ तमाशा देखता है