9 नवम्बर 2021
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My name Prashant Kaushik I am lived in DelhiD
<div><b><u>प्यार वो कर सकता जिसके दिल मे दया हो</u></b></div><div><b><u>पर दया तो बरसो पहिले मर चुकी
<div>लोग एक विधवा को इसलिए जीने नही देते क्योकि सब उसको अपनी जगीर समझने लगते है और किसी ना किसी बहान
<div>किसी लड़की की तारिफ उस समय महगी पड गई जब बीवी ने सुन लिया अब रात को अपनी हवस बुझआने को जुटी तारि
<div>jab kyon insan jyada phad jaata hai tabhi uska dimak khrab bhee hojata hai khole saflta usko ph
<div>Ek baar many bas stand pur ek greeb ladki dekhi the sach mano wo nain nakks say kisi afsara say
<div><b>Moth kay Rashhay ko aaj tak kyoe nahi samza saka na sulza saka na janay khaa chalay jaatay h
<div><br></div><div><b>Bada ettitute dika rahi ho kisay dara rahi ho ham bhee kisi say kam nahi bass
<div>Ham kitnay mazboor hai kee pass hoker bhee door hai ham thumay baho me berna to chatay&nb
<div><b>Pyar me log aksar apni seema bhool jatay hai aur samaz me aisa dekawa kertay hai jisay wo as
<div><b>wo hamay mernay kha deta hai</b></div><div><b>Wo hamay jeenay khaa deta hai</b></div><div><b
<div><b>Pesa wohi jo hath me</b></div><div><b>Takat wohi jo sath me</b></div><div><b>Jo akri waqt me
<div><b>jikker nahi hota unka</b></div><div><b>laken fikker aaj bhee hoti hai</b></div><div><b>door
<p>खद कामनाए हिरदै को इस तरह निर्देशित करने में जुट जाती है और हम एक पति को समिर्पित पत्नी की
<p>एक पक्षी जो अंनत सागर के ऊपर उड़ता है इसका अभिप्राय मानव मन की विभिन्न &nb
<p><strong>वासना के तालाब में गोते लगाने वाले इंसान को ये कहा होस रहता है के वो क्या गलत कर &n
<p><strong>माँ बाप की परी तो सब लडकिया होती है परन्तु असली परी तो वो होतो जो माँ बाप की इज्जत
<p>जै<strong>से घर में दीप जलाने से प्रकाश होता है दीप स्यम आग से तृप्त होकर घर को प्रकाशित कर
<ul> <li><strong> कर्तत्व के पथ पर चलने वाले काटो की पर्वाह कहा करते है काटे उनका रास्त
<ul> <li> <strong>आज के समय में लैला मजनू वाला प्रेम तो सब करते है परन्तु क्या उस समय के प्रे
<p> <strong>समर्पण और त्याग एक व्रक्ष के सामान है जो केवल समर्पण का भाव है त्याग के बिना
<p>धरती को जब भी में देखता तो सोचता हू की धरती कितनी सुन्दर और महान है परन्तु हम आ
<p> <strong>यह संसार एक वृक्ष के सामान है जिस पर दो सूंदर पंख वाले पक्षी उड़ते -उड़ते आकर प्राय :
<p><strong>प्यार तो सभी करते है परन्तु कुछ लोग केवल आत्मा से प्यार करते है कुछ कामवासना के इछाओ की प
<p>जी<strong>वन में बड़े सूंदरऔरआकर्षण सपने आते है यह सपने कल्पना में भी उठते है और कभी - कभी प्रत्यक
<p>जैसा की हम और आप जानते है भाई बहन का प्यार कितना मधुर और प्यारा होता है मगर जब आप ये पढ़ेकी एक बहन
<p><strong>आज कल पाप बढ़ता ही जा रहा है लालच उसमे और वृद्धि करता है सर्कार ने हॉल में ही घोसणा की थी<