मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
माता-पिता के लिए अनमोल,
लड़का हो या लड़की ।
तन–मन-धन से पालते हैं,
भरा पूरा हो या कड़की ॥
सशक्तिकरण से ही होगी,
बच्चियों का समग्र विकास ।
लैंगिक असमानता के कारण,
बच्चियाँ होती हैं निराश ॥
इस असमानता का जिम्मेदार,
कुरीतियाँ हैं परिवार की ।
लड़कों को हीं श्रेष्ठ मानते,
होली जलाते संस्कार की ॥
भेदभाव करने में आगे रहतीं,
घर की हीं महिलाएँ ।
भेदभाव बुरी चीज है ये बात,
उनको कैसे समझाएँ ?
पितृ सतात्मक विचारों ने भी,
थोपी हैं अनर्गल परम्पराएँ ।
संतान का पूरा अधिकार खोतीं,
कैसी है सामाजिक संरचनाएँ ?
गर्भ में हीं बच्चियाँ मारी जायेंगी तो,
लैंगिक असमानता हावी होगी ।
अन्यथा सशक्त करो बच्चियों को,
तब लैंगिक संतुलन प्रभावी होगी ॥
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अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार