मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको 🙏🙏
हर वर्ष 11 अक्टूबर को मनाते,स्त्री-पुरुष सुजान l
बालिकाओं को अधिकार मिले,बालकों के समान ll
बालिकाएँ भी उठा सकें,अपने हित में आवाज़ ।
अधिकार और सम्मान दें,आधुनिक पुरुष समाज ।।
जब–जब होवे विश्व में,बालिकाओं संग अन्याय ।
तब –तब ज़ोर-शोर से,बालिकाएँ माँग सकें न्याय ॥
इस सृष्टि में न हो पाए,बच्चियों संग भेदभाव ।
हो जाय समाज जागरुक,पोषण का न हो अभाव ॥
होती रहे बालिकाओं की उन्नति,आए न कोई बाधा ।
बन जाएँ लक्ष्मीबाई जैसी,या फिर मीरा-सीता-राधा ॥
जीवन की सच्चाई समझें,हो जाएँ सशक्त ।
जागरूकता से हीं बेटियाँ,रहेंगी ना अशक्त ॥
शिक्षा,स्वास्थ्य और पोषण का,मिले कानूनी अधिकार ।
घरेलू हिंसा और बाल विवाह से,निजात पाएँ हर बार ॥
इसलिए बच्चियों के लिए,कई योजनाएँ लाई सरकार ।
हर दिन मनाना चाहिए ये,बच्चियों के लिए त्योहार ॥
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अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार