मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको🙏🙏
इस नश्वर संसार में, कोई नहीं है अपना ।
स्वार्थ पूर्ति का सभी, देख रहे हैं सपना ॥
रोजगार पाने के स्वार्थ ने मेरे जीवन में,
घटा दी पछताने वाली सबसे बड़ी घटना ॥
एक व्यक्ति पर हमने,आँख मूँद कर किया विश्वास ।
कुछ दिन रहा ठीकठाक फिर,उसने किया हमें निराश ॥
मेरे कारण कई निर्दोष लोग, पड़ गए उसके चक्कर में ।
कई जिंदालाश बने उसके, स्वार्थ और अहं के टक्कर में ॥
लूटकर रफ़्फ़ूचक्कर हुआ,हम सबकी गाढ़ी कमाई ।
नींद,सुख,चैन,रिश्तेदारी, सब कुछ हमने गँवाई ॥
घर के रहे न घाट के,बन गए धोबी के कुत्ता ।
हर जगह दुरदुराए जाते, सिर पर बाजे जूता ॥
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
:-अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार