मेरे प्यारे अलबेले मित्रों !
बारम्बार नमन आपको🙏🙏
अंतस और बाहर के अंधकार को भगाने के लिए
प्रकाश का त्योहार दीपोत्सव की
हार्दिक बधाइयाँ एवं अशेष शुभकामनाएँ 💐💐
छल,कपट,दम्भ,निर्दयता,हिंसा,काम,क्रोध,
लोभ,मोह,अहंकार,ईर्ष्या,द्वेष आदि विकार
अपनी कुत्सित साया से हमारी अंतरात्मा के "आत्मप्रकाश" को उसी प्रकार ढ़ँक लेते हैं
जैसे काले घने बादल सूर्य के प्रकाश को l
अतः आत्मप्रकाश को प्रज्ज्वलित करने के लिए
दया के दीपक में परोपकार का घी डालकर
क्षमा की बाती लगाकर अहिंसा की अग्नि के
प्रयोग से दीप जलाएँ l
फिर दीप से दीप,फिर दीप से दीप,फिर दीप से दीप l
फिर समस्त संसार इस आध्यात्मिक दीपोत्सव की
रौशनी से जगमग करने लगेगा l
अज्ञानता रूपी अँधेरे को परास्त करने के लिए
इस दीपक की एक हीं किरण पर्याप्त है l
घर-आँगन की सफाई के अलावा
मन की भी सफाई आवश्यक है l
आइए हम सब इस बार अपने-अपने
मन के आंगन में प्यार,सुकर्म, सद्व्यवहार,
निःस्वार्थता और मानवता की दीपक जलाएँ l
शुभ दीपावली !!
🙏🙏🕉️जय माँ लक्ष्मी🕉️🙏🙏
अंजनी कुमार आज़ाद,आरा,पटना,बिहार