ये दुनिया आये दिन मेरे हौसले आज़माती है,
मैं जितना चलना चाहूँ उतना गिराती है,
ज़िन्दगी हर कदम पर संभलने का ही नाम है,
माँ हर बार मुझे यही समझाती है।
खुशियाँ कीमती होती है यूं ही नहीं मिलेंगी,
परेशानियाँ कितनी भी हो रोके नहीं रुकेंगी,
बेहतर है हम आधे में पूरा होना सीख लें,
जो अपना नहीं उसे जाने देना सीख लें,
अधूरी ख्वाहिशें जिंदगी भर सताती हैं,
माँ अक्सर मुझे यही बताती है।
मैं ख़ुश हूँ तो उसके चेहरे पर हँसी है,
माँ सच कहती है मेरे रोने से किसी को क्या पड़ी है,
हँसो और दुनिया को बताओ कि हम जी सकते हैं,
अपने ज़ख़्म अपने हाथों से सी सकते हैं,
ज़िन्दगी सहेली ही तो है हँसी-मज़ाक करती रहती है,
माँ हमेशा मुझसे यही कहती रहती है।
वो जानती सब है दिखाती नहीं है,
चाहती बहुत कुछ है पर जताती नहीं है,
कमरे की बत्ती आधी रात को अक्सर जल जाया करती है,
माँ सोती नहीं है रातों को पर बताती नहीं है।
तुम चिंता न करो सब ठीक होगा,
माँ! खुशियों का पता भी एक दिन नज़दीक होगा,
अंधेरा हर बार रोशनी से ही हारेगा,
तुम देखना उस दिन अपने पास भी सबकुछ होगा ....