शीर्षक --शिवशिव और शक्ति की कर लो भक्तिसच्चे मन से भक्तों होगी सारी इच्छाओं की प्राप्तियही तो आदि भी हैं अनंत भीइन्हीं से होती है प्रेम की अनुभूतिहर हर महादेव जय महाकाल सुकूनमहाश
*मेरे शिव शंकर शम्भू(भजन)*हे! शिव शंकर शम्भू भोलेअद्भुत है तेरी कायातूने भस्म का लेप लगायाकण कण में तू है समाया।शशि हैं शीश विराजेबाघम्बर तन पर साजेपहनी है मुंडों की मालातेरा रूप है बहुत निराला।शिव शं
त्रिनेत्रधारी , त्रिशूलधारी , त्रिपुरारी,जो त्रिलोक के नाथ है।तू खोज रहा है कहां उन्हें बन्दे,सदा हमारे साथ है।व्रत करते हैं जिसके नाम का,मन में पाप भरे हुए हैं।मन से शुद्ध नहीं रहते हैं,मौत के भय से
महाशिवरात्रि के दिन शंकर की पूजा की जाती है। शिवलिंग पर पुष्प,बिल्ब पत्र व दूध चढ़ाई जाती है। शंकर हाथ में त्रिशुल व डमरू लिये जटाधारी गले में सर्प लिपटे माथे पर भभूत लगाये रहते है। कही कही अर्धनारीश्व
आज महाशिवरात्रि का पर्व है। महाशिवरात्रि वह मंगलमय पर्व जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। जब शिव का शक्ति शक्ति से मिलन हुआ था। आज के दिन शिव के जलाभिषेक का बहुत महत्व है। शिवरात्रि हर्ष
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण भगव