आज महाशिवरात्रि का पर्व है। महाशिवरात्रि वह मंगलमय पर्व जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। जब शिव का शक्ति शक्ति से मिलन हुआ था। आज के दिन शिव के जलाभिषेक का बहुत महत्व है। शिवरात्रि हर्ष और उल्लास का त्यौहार है। शिव अनादि हैं, अमर है, देवों के देव हैं। शिव की महिमा अपरंपार है, वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं ऐसा माना जाता है। शिवरात्रि के दिन बेलपत्र, फूलों, जल, धतूरा से शिव का जलाभिषेक किया जाता है। उपवास रखा जाता है। ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप शिवालयों में गूंजता रहता है और सभी लोग श्रद्धा वआस्था से
मंदिरों में खड़े होकर इंतजार करते हैं जलाभिषेक करते हैं। इस पावनमय वातावरण में जो एकता, उत्साह, आस्था, विश्वास का सर्जन होता है वह हमारी भारतीय संस्कृति की अनुपम देन है।
आज के दिन यदि हम शिव की उर्जा को अपने में धारण करें तो हमारा जीवन शिवमय हो जाता है ऐसा विश्वास है। भगवान शिव ने छोटे, बड़े, सभी जीवो को अपनाया। उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया, विष को अपने गले में रोका
और नीलकंठ कहलाए। जब भी जरूरत पड़ी शिव ने परोपकार किया। शिव का जीवन बैरागी और सन्यासी का जीवन है, वे कैलाश में रहते हैं , उनके साथी नंदी हैं,गले में सर्प लिपटा हुआ है। वे समाधिस्थ रहते हैं ,ध्यान में रहते हैं। उन्होंने काम पर विजय प्राप्त की है। शिव की महिमा अपरंपार है, शिव शंभू हैं,
उनका जीवन लोकोपकार का जीवन है। आज के दिन उनकी उपासना हमारे जीवन को, पूर्णता की ओर ले जाएं। हम शिव की तरह लोक कल्याण मे लगे और सद्गुणों को धारण कर अपना आध्यात्मिक कल्याण करें। महाशिवरात्रि की सभी को । शुभकामनाएं।