1.माता सरस्वती (विद्या की देवी ब्रह्मा की पत्नी)।2.माता सरस्वती (ब्रह्मा-सावित्री की पुत्री)।3.सावित्री (ब्रह्मा की पत्नी)।4.गायत्री (ब्रह्मा की पत्नी)।5.श्रद्धा (ब्रह्मा की पत्नी)।6.मेधा (ब्रह्मा की
सनातन धर्म में अनेक देवताओं का उल्लेख है उन देवताओ को किसी नाम विशेष से जाना जाता है। देवताओं का यह नामकरण उनके कार्य और गुण-धर्म के आधार पर किया गया है। हम यहाँ कुछ प्रमुख देवताओं के विषय में जाकारी
इस संस्कार में शिशु के सिर के बाल पहली बार उस्तरे से उतारे जाते हैं। जन्म के पश्चात् प्रथम वर्ष के अंत तथा तीसरे वर्ष की समाप्ति के पूर्व मुंडन संस्कार कराना आमतौर पर प्रचलित है, क्योंकि हिंदू मान्यता
जनक जी एक राजा थे| उनका राज मिथिला पुरी में था| वह एक सत्पुरुष थे| न्यायप्रिय और जीवों पर दया करते थे| उनके पास एक शिव धनुष था| वह उस धनुष की पूजा किया करते थे| आए हुए साधु-संतों को भोजन खिलाकर स्वयं
सखि, तुम्हें तो पता ही है कि मेरा पौत्र शिवांश 29 मई को 6 माह का हो गया है । अब उसकी काली काली जुल्फें हवा में उड़ने लगी हैं । मुझे तो डर लगने लगा था कि कहीं उसकी उड़ती जुल्फों पर किसी हसीन गुड़ि
1.शक्ति का स्वरूपशक्ति की उपासना कर सिद्धि को ग्रहण करने के इच्छुक तो बहुत लोग हैं, लेकिन पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ तप कर सिद्धि को प्राप्त करने का साहस सभी के पास नहीं होता। शक्ति के विभिन्न स्वर
पूजन कर्म में स्त्री हो या पुरुष, दोनों को कुमकुम, चंदन आदि का तिलक लगाने की परंपरा है। सभी पंडित पुरुषों के मस्तक या माथे पर तिलक लगाते हैं लेकिन स्त्रियों के संबंध में कुछ पंडित या ब्राह्मण माथे पर
माता के गर्भ में मलिन भोजन के जो दोष शिशु में आ जाते हैं, उनके निवारण और शिशु को शुद्ध भोजन कराने की प्रक्रिया को अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता हैअन्नाशनान्मातृगर्भे मलाशायपि शुद्धघति।शिशु को जब 6-7 माह
भगवान श्री राम का नाम और उनका काम अद्भुत है। वे पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुषोत्तम हैं। जिनकी आराधना महाबली हनुामन करते हैं उनके जैसा आदर्श चरित्र और सर्वशक्तिमान दूसरा कोई नहीं। उन्होंने जिसे भी छूआ व
भारत देश महाभारतकाल में कई बड़े जनपदों में बंटा हुआ था। हम महाभारत में वर्णित जिन 35 राज्यों और शहरों के बारे में जिक्र करने जा रहे हैं, वे आज भी मौजूद हैं। आप भी देखिए।_1. गांधार आज के कंधार को कभी ग
तेज चमकती रोशनी की, चकाचौंध में, क्यूं , भूल गये, मेरी कद्र ऐ ! जमाने वालों ?मैं खुद में , इक कद्र हूं । सुन लो, ऐ ! जमाने वालों।आज भी अपनी हिम्मत
इन बेटियों की मुस्कुराहट ही, हमारे घरों की शान है । इन बेटियों के सपने ही, हमारे जीवन की शान है ।बेटियां, आज बेटों से, कहीं, कम नहीं । उनके हौंसले, हमारे
‘जिसके हाथ सेवाकार्य में लगे हैं, पैर भगवान के स्थानों में जाते है, जिसका मन भगवान के चिन्तन में संलग्न रहता है, जो कष्ट सहकर भी अपने धर्म का पालन करता है, जिसकी भगवान के कृपापात्र के रूप में कीर्ति ह
सब से पहले भूमि को गोबर से लेपना चाहिए। फिर जल की रेखा से मंडल बना कर , उस पर तिल और कुश घास बिछा कर मरणासन्न व्यक्ति को उस पर सुला देना चाहिए । उस के मूंह में पंचरत्न / स्वर्ण आदि डालने से सब पापों क
गठबंधन करते समय वधू के पल्लू और वर के दुपट्टे या धोती मेंसिक्का (पैसा), पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत, पांच चीजें बांधी जाती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है-सिक्का: यह इस बात का प्रतीक है कि धन पर किसी
संसार में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो लक्ष्मी की कामना न करता हो । राजा, रंक, छोटे, बड़े सभी चाहते हैं कि लक्ष्मीजी सदा उनके घर में निवास करें । लक्ष्मीजी की आराधना करने से पहले मनुष्य को उनके स्वरू
बगलामुखी परिचय एवं साधना नियमवैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस कहा जाता है जिस कारण इसे माँ बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत एवं पूजा उपासना कि जाती है
श्रीमद्भागवत के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने प्राग्ज्योतिषपुरी के राजा नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने 16 हजार स्त्रियों को बंदी बनाया था। नरकासुर के मरते ही वे सभी स्वतंत्र हो गईं। श्रीकृष्ण ने उन सभ
सूर्य शुभ: अगर किसी महिला कि कुंडली में सूर्य अच्छा हो तो वह हमेशा अग्रणी ही रहती है और निष्पक्ष न्याय में विश्वास करती है चाहे वो शिक्षित हो या नहीं पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देती है।अशुभ सूर
*सनातन धर्म की समस्त मान्यतायें वैज्ञानिकता से ओतप्रोत रही हैं , देर से ही सही परन्तु विज्ञान भी इन मान्यताओं को मानने पर विवश ही हुआ है | अशौच प्रकरण में रजस्वला स्त्री को भी अशुद्ध माना गया है | प्राचीनकाल में रजस्वला स्थिति में स्त्रियों को पाँच दिन तक एकवस्त्रा एवं एकान्तवासा होती थीं , धार्मिक