ऐसी रचना मैं भी लिख पाता हूँ
जिसमें तेरे बिना तुझे लिख पाउ।
स्पर्श इतना मधुर हैं की हम
महसूस कर पाते हैं तुम्हारे बिना।
आँखों की भाषा ऐसी होती है कि
मैं अपनी आँखों से पढ़ पाता हूँ।
भावनाओं का बादल ऐसा है कि
मैं इसमें भीग पाता हूं।
ऐसी रचना मैं भी लिख पाता हूँ
जिसमें तेरे बिना तुझे लिख पाउ।