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में भी लिख पाता हूँ

21 सितम्बर 2021

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ऐसी रचना मैं भी लिख पाता  हूँ
जिसमें तेरे बिना तुझे लिख पाउ। 

स्पर्श इतना मधुर हैं की हम 
महसूस कर पाते हैं तुम्हारे बिना। 

आँखों की भाषा ऐसी होती है कि
मैं अपनी आँखों से पढ़ पाता  हूँ। 

भावनाओं का बादल ऐसा है कि
मैं इसमें भीग पाता  हूं। 

ऐसी रचना मैं भी लिख पाता  हूँ
जिसमें तेरे बिना तुझे लिख पाउ। 

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Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत अच्छा है 👌

21 सितम्बर 2021

S.p.chaudhary

S.p.chaudhary

21 सितम्बर 2021

Thanks 😊

S.p.chaudhary

S.p.chaudhary

बहोत सुंदर लेखनी

21 सितम्बर 2021

3
रचनाएँ
काव्यमंच
0.0
काव्यमंच किताब मैंने सभी लोगों के दिल की मनोभावनाओ को ध्यान में रखते हुए लिखी हैं। सभी रीडर्स की उत्सुकता को ध्यान में रखकर आगे भी बहेतरीन कविताएँ लिखूँगा। धन्यवाद 😊🙏

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