मिठाईवाला इस नाटक की कहानी बाप और बेटे के रिश्ते पर आधारित होती है | इस कहानी में जगन एक मिठाईवाला होता है | वो अपने बेटे से हर वक़्त कॉलेज में बारे में पूछता है लेकिन वो हर बात को नकार देता है | एक दिन जगन का बेटा उसको कॉलेज छोड़ देने के बारे में बताता है तो जगन बड़ा पपरेशान होता है कि ये अब क्या करेगा | वो अपने परम मित्र से उसके बेटे की जासूसी करवाता है | जासूसी करते हुए उनका परम मित्र उनको माली के बारे बताता है कि माली लेखक बनना चाहता है | जगन ये बात सुनकर काफी खुश होते है और उनको अपने लेखन में मन लगाने को कहते है |
एक दिन जगन के मित्र को माली के बारे में पता चलता है की वो विदेश जाना चाहता है और वीसा पासपोर्ट की तैयारी में लगा हुआ था | जगन माली की इस बात को सुनकर काफी नाराज होते है लेकिन माली की जिद को देखते हुए उसे विदेश भेज देते है | कुछ महीनों बाद माली वापस अपने गाँव मालगुडी लौटता है और साथ में एक विदेशी लडकी को पत्नी बनाकर साथ लाता है | पहले तो जगन इस बात से काफी नाराज जोते है लेकिन जल्द ही वो अपनी बहु से मिलनसार हो जाते है |
माली एक दिन जगन को बताता है कि वो एक ऐसी मशीन लाया है जिससे बटन दबाते ही अपने आप लेखन का कार्य हो जाता है | वो इस मशीन की फैक्ट्री मालगुडी में लगाना चाहता था और इसके लिए पैसो की आवश्यकता थी | वो जगन से पैसो की मांग करता है लेकिन वो उसकी बात को बिना समझे हां कर देते है | कुछ दिनों बाद जगन की दूकान पर एक कागज आता है जिसमे माली के फक्ट्री बनाने की बात लिखी होती है और अंत में जगन का नाम लिखा होता है |
वो उसी शाम जगन को बिना पूछे नाम लिखने के लिए डांटते है और वो प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से मना कर देते है | माली जगन को बताता है कि अगर वो ये फक्ट्री में निवेश नही करेंगे तो माली की पत्नी देश छोडकर चली जायेगी | जगन को जब इस बात का पता चलता है तो वो माली की अनुपस्थिथि में ग्रेस से मिलते है उनके विदेश जाने का कारण पूछते है | ग्रेस उनको बताती है कि माली की उससे शादी नहीं हुई है | इस बात को सुनकर वो सदमे में आ जाते है और उन दोनों की मंदिर में शादी कराने की बात कहते है | लेकिन इससे पहले ग्रेस घर छोडकर मद्रास में अपनी सहेली के यहा चली जाती है |
इसके बाद एक दिन माली की गाडी में शराब मिलने के कारण पुलिस माली को जेल में डाल देती है | जगन का मित्र जब जगन को यह बात बताता है तो वो उसको कुछ पैसे देकर माली को छुड़ाने की बात करता है और जगन खुद मालगुडी से दूर कुछ दिनों के लिए घर से विश्राम के लिए चले जाते है और कहानी का अंत हो जाता है |
इस कहानी के बीच बीच में जगन के युवावस्था के दृश्य दिखाए जाते है किस तरह जगन की शादी होती है और उनकी भगवान से मन्नत मांगने पर माली का जन्म होता है | जगन की पत्नी की अक्सर तबियत खराब रहती है और एक दिन ज्यादा तबियत खराब होने से उसकी मौत हो जाती है | माली उसकी माँ की मौत का जिम्मेदार जगन को मानता था |