लोग अपने कर्तव्य से
क्यो विमुख हो जाते है,
भूल जाते है वो
अपनी सारा कर्तव्य
जो उसे निभानी होती है
जैसे ही उसे मिल जाती है
उसकी हाथो मे वो सता
फिर वो करने लगते है
अपनी वही मनमानी
किसी भी क्षेत्र मे
मिलती है यही देखने को
हम. भी वही देखे है
जो चलती आ रही सदियो से
कब तक चलती रहेगी ए
सबकी अपनी मनमानी
आखीर इसका अंत
क्यो नही हो रही है !
.....निवेदिता चतुर्वेदी......
मैं चेनारी रोहतास बिहार का रहने वाली हूँ। बी०एसी०की छात्रा हूँ मेरी रूचि साहित्यिक रचनाओं को पढने के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी है,मन में उठे भाव को शब्दों के माध्यम से जोड़कर लोगों के सामने बिखेरना ही मेरा काम है।D