छाए बादल
आसमान मे छाए बादल देख , बचपन. की याद आती है ,कैसे झुम उठते थे सब ,जब वर्षा होने लगती थी , संगी साथी मिल सब ,नहाने मे लग. जाते थे ,आपस मे मिलजुल कर ,खुब. मतवाले रहते थे ,नही किसी का परवाह रहता,नही किसी का डर ,सब मिलजुल कर ही ,खुब. मस्ती करते थे ,बचपन का जमाना , होता ही बहुत प्यारा है, ......निवेदिता