5 अप्रैल 2015
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मैं चेनारी रोहतास बिहार का रहने वाली हूँ। बी०एसी०की छात्रा हूँ मेरी रूचि साहित्यिक रचनाओं को पढने के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी है,मन में उठे भाव को शब्दों के माध्यम से जोड़कर लोगों के सामने बिखेरना ही मेरा काम है।D
सुन्दर एवं सार्थक लेख !
27 अप्रैल 2015
हौसला अफजाई के लिए धन्यबाद मनोज जी एवं शालिनी कौशिक जी
10 अप्रैल 2015
nivedita ji aapki abhivyakti v chinta jayaj hai lekin har aadmi ke apne tark hain jo beti ke mamle me alag aur bete ke mamle me alag ho jate hain aur yahi karan hai ki ye samasya mit nahi sakti .
5 अप्रैल 2015
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति , समाज में फैली कुरीतियों का अच्छा चित्रण | आगे भी लिखती रहिये और सामाजिक चेतना का अलख जगाती रहिये | बहुत -बहुत शुक्रिया निवेदिता जी |
5 अप्रैल 2015