18 अगस्त 2015
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मैं चेनारी रोहतास बिहार का रहने वाली हूँ। बी०एसी०की छात्रा हूँ मेरी रूचि साहित्यिक रचनाओं को पढने के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी है,मन में उठे भाव को शब्दों के माध्यम से जोड़कर लोगों के सामने बिखेरना ही मेरा काम है।D
सुन्दर संमरण वाह बहुत खूब
5 अप्रैल 2016
कई बार ऐसा लगता है कि शायद सिर्फ किताबों और डायरी के पन्नो में ही क़ैद होकर रह गया है वो गुज़रा वक़्त, वो ज़माना लेकिन फिर वही कि आशा ही जीवन है, हम चल पड़ते हैं किसी नूतन रचना की ओर...सुन्दर रचना !
18 अगस्त 2015