पांच दिवसीय महोत्सव शुरू हो गया है। धनतेरस से शुरू होने वाले इस पर्व की तैयारी हो गयी है बाजार और घर रौशनी से जगमगा गए है। बाजारों और घर में महालक्ष्मी, श्री गणेश, रिद्धि-सिद्धी, और धन कुबेर की पूजा-अर्चना की खरीदारी जारी है।धनतेरस को सभी लोग नए जेवर, वस्त्र , नए वाहन की
नक्षत्रों के आधार पर हिन्दी महीनों का विभाजन और उनके वैदिक नाम:- ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त कियेजाने वाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थतथा पर्यायवाची शब्दों के विषय में हम पहले बहुत कुछ लिख चुके हैं | अब
रेवतीज्योतिष मेंमुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जानेवाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथापर्यायवाची शब्दों के विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्वस
दोनों भाद्रपदज्योतिष मेंमुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जानेवाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथापर्यायवाची शब्दों के विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा,
शतभिषजज्योतिष मेंमुहूर्त गणना, प्रश्न तथा अन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जानेवाले पञ्चांग के आवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथापर्यायवाची शब्दों के विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्व
धनिष्ठाज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथाअन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग केआवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दोंके विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्
दोनों आषाढ़ ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथाअन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग केआवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दोंके विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, प
मूलज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथाअन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग केआवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दोंके विषय में हम बात कर रहे हैं | इस क्रम में अब तक अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिर, आर्द्रा, पुनर्वसु,
ज्येष्ठादीपावली के सारे पर्व सम्पन्न हो चुके | अब पुनः लौटते हैंअपनी नक्षत्र-वार्ता पर | ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथाअन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग केआवश्यक अंग नक्षत्रों के नामों की व्युत्पत्ति और उनके अर्थ तथा पर्यायवाची शब्दोंके विषय में हम बात कर र
गृहस्थ सुबह 10.49 बजे से 12.10 तक और शाम 5.36 से 7.15 बजे तक कर सकते हैं पूजाअमृत योग में शाम 7.15 से 8.54 बजे तक की जा सकती है लक्ष्मी पूजाअाज दीपावली है। 14 घंटे में आप चार मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। लग्न के हिसाब से पूजा के लिए 6.08 बजे से 8.05 बजे तक का समय
लक्ष्मी पूजन का मुहूर्तजैसा कि सभी जानते हैं किदीपावली बुराई, असत्य, अज्ञान, निराशा, निरुत्साह, क्रोध, घृणा तथा अन्य भी अनेक प्रकार केदुर्भावों रूपी अन्धकार पर सत्कर्म, सत्य, ज्ञान, आशा तथा अन्य अनेकों सद्भावों रूपी प्रकाश की विजय का पर्व हैऔर इस दीपमालिका के प्रमुख दीप हैं सत्कर्म,सत्य, ज्ञान, आशा,
माननीय उच्चतम न्यायालय के आए निर्णय ने एक बार फिर उच्चतम न्यायालय के निर्णयों पर प्रश्नवाचक चिन्ह उठा दिया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने इस निर्णय द्वारा विभिन्न धार्मिक आयोजनों के अवसरों पर पटाखे जलाने की समयावधि, गुणवक्ता की डेसीबल व मात्रा तय की है। आखिर उच्चतम न्यायालय को आज कल हो क्या गया है? मू
हिन्दीपञ्चांगगुरुवार,25 अक्टूबर 2018 – नई दिल्लीविरोधकृतविक्रम सम्वत 2075 / दक्षिणायन सूर्योदय : 06:28 पर तुलामें / स्वाति नक्षत्र सूर्यास्त : 17:42 पर चन्द्र राशि : मेष चन्द्र नक्षत्र : अश्विनी 09:26 तक, तत्पश्चात भरणी तिथि
विशाखा नक्षत्र नक्षत्रों के विषय में बात आरम्भ की थी लेकिन बीच में कोईपर्व आदि आ जाने से वार्ता मध्य में छूट जाती है | अब पुनः नक्षत्रों की वार्ता कोही और आगे बढाते हैं | ज्योतिष में मुहूर्त गणना, प्रश्न तथाअन्य भी आवश्यक ज्योतिषीय गणनाओं के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले पञ्चांग केआवश्यक अंग नक्षत्रों
https://ptvktiwari.blogspot.com/2018/09/23-2018.html Home»»Unlabelled» 23 सितंबर 2018 गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधि 23 सितंबर गणेश विसर्जन मुहूर्त आवश्यक मन्त्र एवं विधिकिसी भी कार्य को पूर्णता प्रदान करनेके ल