नक्षत्रों की व्युत्पत्ति तथा उनके अर्थअभी तक हमने 27 नक्षत्रों के आधार पर बारह हिन्दी महीनों केनाम तथा उनके वैदिक नामों के विषय में चर्चा कर रहे थे | किन्तु जिन नक्षत्रों के नाम पर हिन्दी महीनों के नाम रखे गए उन नक्षत्रों केनाम किस प्रकार बने यह विचारणीय प्रश्न है | तो अब
27 नक्षत्रों का हिन्दी महीनों में विभाजन तथाहिन्दी माहों के वैदिक नामपिछले अध्यायमें चर्चा की थी 27 नक्षत्रों की और उनके नामों का उल्लेख किया था | जैसाकि पहले भी लिखा है कि जिस हिन्दी माह की शुक्ल चतुर्दशी-पूर्णिमा को जिस नक्षत्रका उदय होता है उसी के आधार पर उस माह का नाम
27 नक्षत्रों के वैदिक नाम अब मुहूर्त आदि के लिएप्रमुख रूप से विचारणीय वैदिक ज्योतिष के महत्त्वपूर्ण अंग नक्षत्रों की वार्ता कोआगे बढाते हुए 27 नक्षत्रोंके वैदिक नामों पर प्रकाश डालते हैं | जैसे कि पहले ही बताया है कि किसी भी हिन्दी अथवा वैदिक महीने के नामउस नक्षत्र के ना
प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि नक्षत्रों को वैदिक ज्योतिषमें इतना अधिक महत्त्व क्यों दिया गया ? जैसा कि हमने पहले भीबताया, नक्षत्र किसी भी ग्रह की गति तथा स्थिति कोमापने के लिए एक स्केल अथवा मापक यन्त्र का कार्य करते हैं | यही कारण है कि पञ्चांग (Indian Vedic Ephemeris) के पाँच अं