जैसा कि सभी जानते हैं कि
दीपावली बुराई, असत्य, अज्ञान, निराशा, निरुत्साह, क्रोध, घृणा तथा अन्य भी अनेक प्रकार के
दुर्भावों रूपी अन्धकार पर सत्कर्म, सत्य, ज्ञान, आशा तथा अन्य अनेकों सद्भावों रूपी प्रकाश की विजय का पर्व है
और इस दीपमालिका के प्रमुख दीप हैं सत्कर्म,
सत्य, ज्ञान, आशा, उत्साह, प्रेम, स्नेह आदि सद्भाव | अस्तु, सर्वप्रथम सभी को दीपावली के प्रकाश पर्व
की हार्दिक शुभकामनाएँ…
इस दिन लक्ष्मी पूजा का विधान है | लक्ष्मी पूजा
एक विशेष मुहूर्त में की जाती है और इसके विषय में कई मतान्तर हैं | कुछ लोगों का
मानना है कि प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए | प्रदोष काल सूर्यास्त से
कुछ समय पूर्व आरम्भ होता है और लगभग दो घन्टे चौबीस मिनट तक रहता है | कुछ तान्त्रिक
विधि से लक्ष्मी पूजन करने वाले लोग तथा कर्मकाण्ड में अत्यन्त दक्ष लोगों की
मान्यता है कि महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजा की जानी चाहिए | लेकिन जन साधारण के
लिए प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का उपयुक्त समय है | इसमें भी स्थिर लग्न का ध्यान
रखने की सलाह गुणीजन देते हैं |
आज रात्रि 10:27 से
अमावस्या तिथि आ जाएगी, किन्तु उदया तिथि कल यानी 7 नवम्बर को
ही होगी | इस दिन रात्रि 09:32 तक अमावस्या है और उसके बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा
लग जाएगी | इसलिए उससे पूर्व ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा | सामान्यतः प्रदोष काल
और वृषभ लग्न लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उपयुक्त मुहूर्त होता है | पञ्चांग की गणना
के अनुसार सायं 6 बजे से रात्रि 07:54 तक प्रदोष काल में वृषभ लग्न रहेगी अतः यही
लग्न सर्व साधारण के लिए लक्ष्मी पूजन के लिए उपयुक्त मुहूर्त है | इस वर्ष सायं सात बजकर छत्तीस मिनट तक चन्द्रमा स्वाति नक्षत्र में है और
उसके बाद विशाखा नक्षत्र में चला जाएगा | साथ ही इस वर्ष तुला राशि में सूर्य, चन्द्र और शुक्र का त्रिग्रही योग बन रहा है जो अत्यन्त शुभ
माना जाता है | इसके अतिरिक्त आयुष्मान योग और सौभाग्य योग भी बन रहे हैं | ये
दोनों योग भी अपने नामों के ही अनुसार फल देने वाले योग हैं | बहुत से व्यापारी लोग निशीथ काल में
लक्ष्मी पूजा करना चाहते हैं उनके लिए 20:11 से 22:51 तक निशीथ काल रहेगा | कुछ तान्त्रिक विधि से उपासना
करने वाले लोग महानिशीथ काल और सिंह काल में पूजा करते हैं | महानिशीथ काल 23:14
से 24:06 तक रहेगा और सिंह काल (लग्न) 24:30 से 26:46 तक | किन्तु प्रायः जन साधारण के लिए प्रदोष काल और
वृषभ लग्न में ही लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त है – यानी सायं 6 बजे से रात्रि 07:54
के मध्य |
दीपावली पर्व प्रकाश का पर्व है | माँ
लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सभी पर बनी रहे और इस अवसर पर प्रज्वलित दीपमालिका के
प्रत्येक दीप की प्रत्येक किरण सभी का जीवन सुख-शान्ति-उल्लास-प्रेम-सौभाग्य-स्नेह
और ज्ञान के आलोक से आलोकित करे… इसी कामना के साथ सभी को एक बार पुनः दीपावली की
अनेकशः हार्दिक शुभकामनाएँ…
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2018/11/06/muhurta-for-lakshami-poojan/