चैत्र नवरात्रि आयी है,हिंदू नववर्ष का त्योहार है, मां दुर्गा का आशीर्वाद है,जीवन को सुखी बनाने का वादा है। अम्बे माँ की आराधना का समय है,उनकी जय-जयकार का समय है, सबको सुख-शांति देने का समय है,चैत्र
हम नया वर्ष जनवरी माह को मनाते है।लेकिन हमारी मूल नया वर्ष चैत शुक्ल प्रतिपदा को होता है जो होली के बाद लगभग मार्च महीने में आता है। वैसे तो किसानों की सभी फसल पककर तैयार हो जाते है। एक साल में कि
. दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण नवरात्रि हिन्दूसंस्कृति के दिव्य दिवस नवरात्रि में माता की आराधना में समर्पित भक्तों के साथ, प्रकृति भी अपने पुराने स्वरूप को छोड़कर नव हो जाती है ।भारतीय संस्क
शक्ति की भक्ति में,डूबा हर व्यक्ति है,माँ की आराधना को,"दीप" आई नवरात्रि है।बिना उसकी मर्जी से,हिलती नहीं पत्ती है,दुनियाँ को चलाने वाली,वो ऐसी आदि शक्ति है।देवी की भक्ति से,मिलती नव शक्ति है,फूल और प
माँ एक बार फिर सेधरती पर उतरकर देखोआप देख नहीं पाओगी डरी सहमी बेटियों के चेहरेनहीं मिटा पाओगी आप भी मानस पटल पर अंकितउन बेटियों के जख्म गहरेमाँ आप उन्हें गोद में लेकरसहला लोगी थोड़ी देर बहला