सब कुछ लागे नया-नया ।
दे-दो जो देना चाहते हो नये साल मे,
यह नया साल हर ठंडी मे ही आता हैं।
भारतीय रीत रिवाज मे नया साल हम तब मनाते हैं जब हमारे देश का किसान व जवान दोनों खुश होते हैं। गाँव के खुले मैदान व खेतो मे बहन बेटियों की शादियाँ हो रही होती हैं। पेड़ों की छाव मे बिस्तर लगे होते हैं। कुआँ का ठंडा पानी जब हम चूल्लू भर-भर कर पानी पीते हैं। इन बातों को कौन मानता हैं? हम ये सारे गिले शिकवे भूलाकर आप सब को नया साल मुबारक !