माता पिता को अपने बच्चो में दुराव नही करना चाहिए ,सभी बच्चे उन्हीके होते हैं तो क्यों किसी को अधिक तो किसी को कम प्यार मिलता हैं
How to Build a Rock-Solid Routine? How to get an undeterred Focus in this distracting world? How to win over habits? How to stop blaming Time?How to know what the priority is? How to be free from thinking of income all the Time? Read more
A Science that was preserved and associated largely as a support to martial arts and warfare can now be used and applied for normal healing on a wide range of physical and mental diseases as a result of research and application, since 1993, of this l
कौन सी घटना बनती है बड़ी ख़बर और कौन रह जाती है गुमनाम? कौन सी ख़बर बनती है ब्रेकिंग और कौन किसको करता है बदनाम? जिन्दगी-मौत,सरकार-सिस्टम, सियासत और मीडिया की अनकही अनसुनी लघुकथा- कहानियों का संग्रह है "बड़ी ख़बर"। जिन्दगी की छोटी-छोटी मामूली सी लगने वाली
This book has a question for you. The question which I guess we have asked ourselves at least at some point in life. The question which gives you the power to stand at every possible hurdle. This question, with it’s answer, brings meaning to your lif
कै सौ साल पहले बिलासपुर शहर से 30 किमी दूर एक कद्बा था तरनपुर। वहां के राजा के कुप्रबंधन से वह कैसे अवनति की राह पर आगे बढा यह विचारणीय है
Hello parents! After the book “Reiki Healing the Divine Touch of the Subconscious”, it feels great to get to know all the well-beings soon with my second book on parenting, “Hello Parents”. Everyone has their own opinion, according to which their lik
YOGA@ASAN.COM / योग@आसन.कॉम: आसन का शास्त्रोक्त व आधुनिक विवेचन Read more
दोस्ती रात को करीब 8:00-8:30 बज रहे थे । लेखक घर पर अकेला था कि तभी उसका एक दोस्त रवि मल्होत्रा उससे मिलने आया । वह अक्सर आता -जाता रहता था । इसलिए वह कुछ देर बात करने पर दोनों छत पर चले गये। कुछ देर बाद लेखक नीचे उतर आया । बाहर गया देखने कुछ, मगर म
बजरंग सिंग 14 वर्ष का एक बच्चा अपने माता से पूरी तरह निगलेक्टेड़ था । उसकी देखभाल के लिये एक आया जिसका नाम अंजनी था , रखा गया था । बजरंग अपनी आया से एक बेटे के सामान बेहद प्यार करता था और उसका बेहद खयाल रखता था।
This book is about the victory of science, yet, failure of our system in delivering its benefits to the needy, which is responsible for more than 55000 deaths year after year. Why should someone die of rabies, when we have all the means to protect ea
डेल कारनेगी एक विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे। उनकी एक से एक बढ़कर पुस्तकों ने पाठकों के स्व-सुधार, बिक्री कौशल, कॉर्पोरेट प्रशिक्षण, सार्वजनिक बोलने और प्र कौशल विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी सर्वाधिक चर्चित पुस्तकों में '
इस पुस्तक में हम बात करेंगे कि तरक्की के काबिल बनने के लिए हमें कैसे तैयारी करनी चाहिए। चाहे काम सुपरवाइजर का हो या प्रशासकीय प्रबंधक का, उसमें सफल होने के लिए हमें पेशेवर व्यवहार करना चाहिए। अपने अधिकारियों, अधीनस्थों और सहकर्मियों के सामने हमारी छव
मनुष्य अपने दिल में जैसा सोचता है वैसा ही होता है । यह मनुष्य के पूरे जीवन को ही सम्मिलित नहीं करती बल्कि इतनी व्यापक है कि उसके जीवन के हर पहलू, हर दशा परप अपनी छाप बनाये रखती है। मनुष्य अक्षरशः वैसा ही बन जाता है जैसा वह सोचता है, उसका चरित्र उसके
Bhagye Par Nahi Parishram Par Vishwas Karen Read more
Jeet Sako To Jeet Lo Read more
Kahaniyan Jo Raah Dikhaye Read more
1904 में लगभग एक अनजान अंग्रेज़ जेम्स एलन ने एक छोटी पुस्तक 'अँज ए मैन थिकेंथ' लिखी। यह पुस्तक विश्व भर में स्वयं-सहायक पुस्तकों में से एक महान पुस्तक बन गई है – 'स्वयं को सामर्थ्य देना' ज्यादा उचित वर्णन है – क्योंकि यह न केवल यह उजागर करती है कि हम