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पहलवान आंदोलन

hindi articles, stories and books related to Pahalvan aandolan


गतांक से आगे:- चंचला एक दम घबरा उठी उसे अंधेरे में कुछ दिखाई नही दे रहा था । लेकिन मुंह पर जिस कदर हाथ रखा हुआ था उस स्पर्श से वो कोई आदमी का हाथ लगता था चंचला एकदम गुस्से से लाल पीली हो गयी"ठहर

साक्षी मलिक्ख, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया ने 31 मई को अपना काम फिर से शुरू कर दिया, जब विरोध करने वाले पहलवानों को दिल्ली के जंतर मंतर से बाहर कर दिया गया था - जहां वे अप्रैल से विरोध कर रहे थे। हमने

           आंदोलन चाहे पहलवानों के हों या सामाजिक, सांस्कृति, आर्थिक और राजनीतिक संगठनों के हों। परन्तु आंदोलन तो आंदोलन ही होते हैं। जिन आंदोलनों में पीड़ितों की सर्वोच्

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