8 नवम्बर 2018
अपने कहे पे हम शर्मिंदा नहीं होते, उनके कहे पे हम कोई बात नहीं करते. बात मेरी हो या हो उनकी, हम तो बस किसी बात की परवाह नहीं करते. (आलिम)