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पाश्चात्य संस्कृति

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मनुष्य के जीवन का परम लक्ष्य उन्नति के पथ पर अग्रसर होना है। जिस पर मानव सभ्यता अपने उद्भव के साथ ही चली आ रही है। भारत की संस्कृति अति प्राचीन होने के कारण अपने उच्च मूल्यों और उत्कृष्ट सामाजिक व्यवस

प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे है ‌‌‌‌ये महीना तो तुम्हारी हमारी मुलाकात का आखिरी महीना है।चल मन की बातें मन लगाकर करेंगे।आज का विषय:- पाश्चात्य संस्कृति:- वरदान या अभिशापपाश्चात्य संस्कृति विदेशी नववधू

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हम पृथ्वी पर निवास करते हैं ब्रम्हाण्ड में कई ग्रह है लेकिन अब तक की खोज में केवल पृथ्वी पर ही जीवन पाया जाता है और पृथ्वी एक है लेकिन यहाँ के निवासरत लोगो ने जमीन के टुकड़ो में उसे खंडित कर दिया।

भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति और विरासत की गाथा का आगे बड़े बड़े देश भी सर झुकाते है जिस देश की मिट्टी में भगवान कृष्ण व भगवान श्री राम ने जन्म लिया जिस देश की मिट्टी में बड़े बड़े वीर व वीरांगनाओं ने

पाश्चात्य संस्कृति में तुझे,अभिशाप कहूं या वरदान।भारतीय संस्कृति और संस्कारों का ,कर दिया तूने निष्काश (लोप)।।मैं नहीं कहता तेरे संस्कार,मुझे बुरे लगते हैं।तन-बदन पर न्यून वसन ,मन चुभते हैं।बडे-बुजुर्

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