औरत जननी है, पत्नी है, मां है ,बेटी है पर क्या उसे वो अधिकार मिलते है जो उसे मिलने चाहिए। क्या वो रिश्तों नातों को निभाते निभाते हुए अपना वजूद खो देगी ।आईये इन कहानियों के माध्यम से जाने।
श्रद्धा एक साधारण परिवार की लड़की है । उसका हमेशा से यह इच्छा थी कि उसे भी उसके घर वाले प्यार करे । जब वो देखती की लोग अपने बच्चों से प्यार से बात कर रहे है , उनके लिए अच्छी - अच्छी चींजे लाये है , तो वो ये देखकर उदास हो जाती थी , और सोचने लगती थी क
कुछ मनमौजी खयालात पर बनी ये मेरी छोटीसी किताब है, उम्मीद करती हूँ आप सबको पसंद आयेगी मेरे द्वारा लिखीत कविताए जो हर एक के भावनाओं को रुबरु करायेगी।
इस पुस्तक में वर्तमान में चल रहे लोगों के चरित्र के विषय में वर्णन किया है जिसमें आज के लोग प्रेम में धोखा देकर किसी भी लड़की के चरित्र पर दाग लगाने की कोशिश करते हैं। इस धोखे के कारण इस समय बहुत ही लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है। ।
बचपन का जमाना बहुत अलग था वो लोग कुछ और ही अलग दुनिया के थे. उन्हें याद करती हूँ तो जैसे उन सबको एक बार पा जाती हूँ.
मेरे बचपन का दौर अलग था उनका रहन -सहन अलग था उनके जीवन का उद्देश्य सहकार जीवन था सब मिलकर जीते थे दुख -सुख को भोगते थे... उन्हीं की यादों में.
रिवांश की वाइफ अपूर्वा उसके ठीक सामने बैठी थी और अपने स्कूल के बच्चों की रिजल्ट्स तैयार कर रही थी । वहीं रिवांश फोन चला रहा था और बीच - बीच में अपूर्वा को देख भी रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था , उसे आज बार - बार पहली वाली अपूर्वा की
हम अपने उलझें रहते है और खुद को ही खुद की खबर नहीं होती. अपने -आप में डूबे रहना और खुद से ही खुद को समझा लेना बड़ी कला होती है
मानव उत्पत्ति एक रहस्य है। वह कब, कहां और कैसे उत्पन्न हुआ इस विषय पर अनेकों मत हैं। जिसमें से कुछ मत तर्कजनित हैं तो कुछ कल्पनातीत। किसकी सत्यता कितनी है इस पर कोई भी एकमत न हो सका। इस सभी बातों से हटकर आज हम मानव जीवन के विषय में कुछ चर्चा करेंगे ज
काव्य कुंज मेरी स्वरचित कविताओं का संकलन है जिसमें जीवन के विभिन्न स्वरूपों को उजागर करने की कोशिश की है।
श्रद्धा जैसी हैवानियत के दर्द हर व्यक्ति की जिंदगी के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। इस वक्त मनुष्य की जिंदगी में लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है। जिस प्यार को कई हजारों सालों से एक रिश्ते के तौर पर देखा जाता था । आज के मानव ने उसे दरिंदगी का रूप
"मुझे मुर्दों से डर नहीं लगता , लगता है डर जिंदा इंसानों से। जो जान लेकर हाथ ना धोते, मानवता के उन हैवानों से।" यह कहानी एक हॉरर प्रेम लव स्टोरी है । जो प्रेम के पीछे किसी बेकसूर इंसान की जान क आ सौदा कर देते हैं।। इस दुनिया में इंसानियत मर चुकी