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रामायण

23 अक्टूबर 2022

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श्रद्धेय रामानंद सागर कृत रामायण को असाधारण लोकप्रियता देखकर यह सोचता हूँ कि आखिर उनकी रामायण में ऐसा  क्या है जो लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है!!! 80 के दशक के उत्तरार्ध में कर्फ्यू जैसे हालात पैदा कर देने वाला धारावाहिक  और उसके पात्र कालजयी  कैसे हो गए????

 आलोचक की दृष्टि से देखा जाए तो भगवान राम के बाल्यकाल की भूमिका निभाने  वाला बालक, मर्यादा पुरुषोत्तम के सुदर्शन, अलौकिक व्यक्तित्व के साथ बिल्कुल भी न्याय नहीं कर पाता है। अरुण गोविल कभी भी किशोर और नव-युवा  राम जैसे नहीं  दिखे बल्कि  हमेशा ही प्रौढ़ और परिपक्व लगे।शुरुआती कुछ एपिसोड में  वे भावहीन दिखते हैं, उनके चेहरे पर सदैव एक ही भाव रहता है, निर्विकार सा। हालांकि बाद में वे अपने रोल के साथ पूरा न्याय करते हैं। इतना कि भगवान राम और अरुण गोविल एक दूसरे के पर्याय बन गए।

रामानंद सागर कृत रामायण धारावाहिक में महाराज दशरथ, कौशल्या, सुमित्रा, कैकेयी,  सुमंत्र जैसे गौण पात्र भगवान राम के  जन्म से लेकर उनके वनगमन तक एक ही वय के लगते हैं। निर्माता ने उनके केश तक सफेद करने की जहमत नहीं उठाई।  महाराज दशरथ की भूमिका निभाने वाले कलाकार का facial expression अत्यंत साधारण है और शत्रुघ्न का किरदार तो बहुत ही कमजोर बन पड़ा है। अगर सिर्फ राम कथा की ही  महिमा होती तो इसके बाद भी रामायण की कथा पर आधारित कई धारावाहिक बने। लेकिन वे तमाम धारावाहिक रामानंद सागर कृत रामायण के पासंग भी नहीं रहे। 

तो फिर  अत्यंत कम बजट और सीमित संसाधनों में रामानंद जी ऐसा क्या जादू  कर गए जो  पुनः कोई दोहरा नहीं पाया??

मुझे तो इस प्रश्न का एक ही उत्तर सूझ पड़ता है और वह यह कि बाकी सभी निर्माताओं ने दिमाग लगाकर रामायण का व्यावसायिक निर्माण किया उन्होंने पैसा कमाने के लिए धारावाहिक बनाया। जबकि रामानंद सागर  स्वयं एक समर्पित रामभक्त थे, उन्होंने रामायण दिल से बनाई, भक्ति से बनाई। कॉस्ट्यूम, सेट, डिज़ाइन, पात्र गौड़ रहे, भाव सर्वोपरि रहा।इसीलिए रामानंद सागर कृत रामायण सीधे लोगों के दिलों में उतर गई और रिकॉर्ड तोड़ सफलता अर्जित की, ब्लॉकबस्टर बन गई।

भावविभोर भक्त की मर्यादा तो भगवान को रखनी ही पड़ती है!!!!!!!

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बारबार पूछ रहा ...

5 अक्टूबर 2022
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रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थी तो संयम भी था...रावण में सीता के अपहरण की ताकत थीतो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प भी था...सीता जीवित

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विनम्रता

19 अक्टूबर 2022
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रावण अत्यंत विनम्रतापूर्वक मारीचि को झुक कर प्रणाम करता है और मारीचि का माथा ठनक जाता है | रावण बोला मामा मारीचि चलिये स्वर्ण मृग बनना है आपको और राम को छल से भटका कर दूर ले जाना है । रावण जैसे म

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रामायण

23 अक्टूबर 2022
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श्रद्धेय रामानंद सागर कृत रामायण को असाधारण लोकप्रियता देखकर यह सोचता हूँ कि आखिर उनकी रामायण में ऐसा क्या है जो लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है!!! 80 के दशक के उत्तरार्ध में कर्फ्यू जैसे

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विजयदशमी

23 अक्टूबर 2022
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पौराणिक मान्यता है कि विजयदशमी की तिथि को भगवान श्रीराम ने अत्याचारी रावण का वध किया तो संसार को एक पापात्मा से मुक्ति मिली। लेकिन भगवान श्रीराम के ऊपर ब्रहम हत्या का पाप भी लग गया क्योंकि

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उर्मिला

26 अक्टूबर 2022
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भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनकी पत्नी माँ सीता ने भी सहर्ष वनवास स्वीकार कर लिया। परन्तु बचपन से ही बड़े भाई की सेवा मे रहने वाले लक्ष्मण जी कैसे राम जी से दूर हो जाते! माता सुमित्रा से

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प्रभु श्री राम

29 अक्टूबर 2022
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राम तेरी नगरी बस रही है। बस तेरी ही कमी हमें खल रही है। आ जाओ राम ,लगाओ फिर दरबार। जन-जन तुम्हें अब ढूंढ़ रही है। जन-जन तुम्हें अब ढूंढ रही है , धरती है कष्ट में करो उद्धार , फिर से बना दो यहाँ

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प्रभु श्रीराम

20 जनवरी 2024
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प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण

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मेरे प्रभु श्रीराम

23 जनवरी 2024
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मेरे प्रभु श्रीरामसंवरे सारे बिगड़े काम, विपदा का हो काम तमाम, संशय हटे तब मन का सारा, प्रभु श्रीराम का लें जब नाम, छवि अनोखी जिनकी प्यारी, उनसे महके हर फुलवारी, कांटों म

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