यूं तो अधिकांश लोग रेसलिंग के दीवाने होते हैं, किन्तु ग्रेट खली को रिंग में देखने का आनंद ही कुछ और होता है. वह भी जब बात हो वर्ल्ड-क्लास फाइट की तो, डब्ल्यू-डब्ल्यू ई की फाइटिंग का रोमांच भला किसको नहीं लुभाता है! इस खेल में पिछले कुछ समय से भारतीयों की रुचि अप्रत्याशित रूप से तब बढ़ गयी, जब भारत के दी ग्रेट खली के नाम से मशहूर भीमकाय शरीर के दिलीप सिंह राणा ने इस दुनिया में जबरदस्त ढंग से कदम रखा. एक-एक करके उन्होंने इस दुनिया के कई अवार्ड्स को अपने नाम किया तो भारत में यह खेल लोकप्रिय भी हुआ. बाद में कई आयोजन इंडिया में भी हुए. हाल ही में उत्तराखंड में हुए एक आयोजन ने बड़ी सुर्खियां बटोरीं हैं. पिछले हफ्ते विदेशी रेसलरों के हाथों घायल हुए द ग्रेट खली ने अगली फाइट में अपना बदला पूरा कर लिया, इस तरह की खबरें खूब चली हैं. इस कड़ी में, खली ने महज दो मिनट में कनाडा के पहलवानों को चित कर दिया और 'द ग्रेट खली रिटर्न्स मेगा शो' टाइटल अपने नाम किया है. बताया जा रहा है कि खली ने फाइट से पहले विशेष पूजा की थी और ऐलान किया था, 'मैं विदेशी रेसलरों को पीटकर अपना बदला करूंगा.' खली ने कहा था, 'मैं सिर के बदले सिर फोड़ूंगा और खून के बदले खून निकालूंगा.' खली ने इससे पहले की रेसलिंग में भी ब्रॉडी स्टील, मैक्स और अपोलो को कोई मौका नहीं दिया था. खली ने तीनों रेसलरों को कुर्सी से भी पीटा और अपने कहे अनुसार बदला भी लिया. बताते चलें कि खली को भी पिछले हफ्ते विदेशी पहलवानों ने कुर्सी से पीट-पीटकर घायल कर दिया था और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया था. खैर, खली की जीत से पूरा देश उत्साहित है और होना भी चाहिए, किन्तु इस पूरे प्रकरण को लेकर सवाल भी खड़े हो गए हैं, जो इस खेल के भविष्य को लेकर चिंता प्रकट करते हैं. हालाँकि पहले भी इस तरह के फाइट के फेक होने की बातें सामने आती रही हैं, किन्तु इस बार आवाज उठायी है एक दूसरे भारतीय रेसलर ने.
द ग्रेट खली पर फेक रेसलिंग का आरोप लगाते हुए रेसलर कृष्ण कुमार ने चैलेंज किया है, ''अगर दम है तो खली मुझसे लड़ लें.'' उत्तराखंड के हल्द्वानी में फाइटिंग के रोमांच के बाद इस तरह के आरोपों से निश्चित रूप से इस खेल के प्रशंसकों को गहरा धक्का पहुंचा होगा. कृष्ण कुमार ने कहा है कि 'लड़ो तो दुनिया को पता चलेगा असली रेसलिंग क्या है...' हालाँकि, इस चुनौती को एक प्रचार पाने का जरिया भी माना जा सकता है, किन्तु रेसलर के आरोपों को सरासर इसलिए इंकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने अपने आरोपों में कुछ ऐसी बातें भी कही हैं, जो बेहद ठोस मालूम होती हैं. जब उनसे इस रेसलिंग को लेकर प्रश्न पूछे गए तो बेहद चौंकाने वाले जवाब सामने आये. इस सवाल पर कि फाइट सच्ची है या झूठी? इस रेसलर ने साफ़ कहा कि डब्ल्यू डब्ल्यू ई के लिए राइटर्स बकायदा स्क्रिप्ट लिखते हैं. हार-जीत के साथ ही रेसलर्स के मूव भी फिक्स होते हैं. सिर्फ रेसलर के पास री-टेक का मौका नहीं होता. यही नहीं, स्क्रिप्टेड फाइट होने के कारण फीस भी पहले से तय होती है, जो रेसलर की स्टार वैल्यू के हिसाब से होती है, इसलिए कभी-कभी हारने वाले को भी ज्यादा पैसा मिलता है. जब इस रेसलर से यह पूछा गया कि खून असली हैं या नकली? तब उनका जवाब था कि खून थूकने के इफेक्ट के लिए ब्लड कैप्सूल इस्तेमाल किए जाते हैं, जबकि बाकी मौकों पर खून असली ही होता है. साफ़ जाहिर है कि दर्शकों के साथ धोखा किसी भी खेल की लोकप्रियता में सेंध लगा देता है. साफ़ तौर पर वगैर जांच के कुछ नहीं कहा जा सकता है, किन्तु हालातों के अनुसार रेसलिंग के रोमांच में खलल तो पड़ ही गया है.
- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
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