राष्ट्रपति वाशिंगटन ठीक चार बजे भोजन करते थे। उन्होंने कांग्रेस के नये सदस्यों को एक दावत दी, सदस्य-गण कुछ मिनट बाद पहुँचे तो उन्होंने देखा कि राष्ट्रपति भोजन कर रहे हैं। उन्हें बड़ा संताप हुआ। यह देख कर वाशिंगटन ने कहा-’मेरा रसोइया आगन्तुकों की नहीं घड़ी की प्रतीक्षा करता है।’ एक बार उनके सेक्रेटरी कुछ देर से पहुँचे और घड़ी के बंद होने का कारण बताते हुए क्षमा माँगने लगे। वाशिंगटन ने कहा-’महाशय या तो आप दूसरी घड़ी बदलिये वरना मुझे दूसरा सेक्रेटरी बदलना पड़ेगा।’
नेपोलियन समय का बड़ा पाबंद था, एक बार उसने अपने एक सेनापति को भोजन के लिये बुलाया किन्तु वह देर से पहुँचे। नेपोलियन खाना समाप्त करके उठ ही रहे थे कि वह आ गया। उसको देखकर नेपोलियन ने कहा- ‘भोजन का वक्त समाप्त हो गया। चलिये अब आगे का काम शुरू करें। नेपोलियन का कहना है कि -पाँच मिनट का मूल्य न समझने के कारण ही आस्ट्रेलियन लोग हार गये इसी तरह उसके पतन और वाटरलू की हार का मुख्य कारण कुछ घड़ियों की देर ही थी। ग्राडच समय पर नहीं आया और उसके लिये नेपोलियन को ठहराना पड़ा, बस, इतनी सी चूक के कारण नेपोलियन कैद करके सेन्ट हेलेना के टापू पर भेज दिया गया।