लोग कैसे मानेंगे कि हमारी वैदिक संस्कृति महान है ?
• जब हम आयुर्वेद की चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, वागभट्ट मुनिकृत अष्टांगहृदयम् आदि ग्रन्थों से सर्जरी चिकित्सा आदि प्रक्रीयाओं का उद्धार करेंगे और समाज में पुनः प्रतिष्ठित करेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम परशुराम, शिव, नकुल, इन्द्र आदि के धनुर्वेद में से प्रचीन परमाणु शस्त्रों अस्त्रों को पुनः प्रकाशित करके समाज के सामने लायेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम भरद्वाज मुनिकृत विमान शास्त्र में वर्णित 33 प्रकार के सिद्धांतो के आधार पर चलने वाले विमान शास्त्रों में से एक एक करके 33 प्रकार के विभिन्न विमान बनाकर पुनः समाज के सामने लायेंगे तब लोग मानेंगे कि हमारी वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम पाणीनि मुनि कृत अष्टाध्यायी और पतञ्जलि मुनि कृत महाभाष्य के आधार पर कम्प्यूटर और अन्य Electronics के Software को संस्कृत भाषा में करके इनकी गति बढ़ाएँगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम सूर्यसिद्धांत और सिद्धांत शिरोमणि आदि ज्योतिष के ग्रंथों, निरुक्त आदि शास्त्रों से गणित,अंतरिक्ष विज्ञान, भूगर्भविज्ञान आदि के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन कर ब्रह्माण्ड एवं पृथिवी के रहस्यों क सुलझायेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम कणाद मुनिकृत वैशेषिक, कपिल मुनि के सांख्य आदि शास्त्रों के आधार पर कणों ( Atoms ) का स्पष्ट विशलेषण विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम ऐतरेय, तैयतरीय, गोपथ, सामविधान आदि ब्राह्मण ग्रंथों, ऋग्वेद के नासदीय सूक्त से सृष्टि उत्पत्ति का रहस्य सुलझाकर Big Bang Theory, Black Hole Theory आदि की मिथ्यता को सिद्ध करके यथार्थ विज्ञान को प्रस्तुत करेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
• जब हम अथर्ववेद के ब्रह्मचर्य सूक्त से वीर्यवान युवा युवतियाँ तैयार करेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है ।
{ हमारे केवल बड़े बड़े व्याख्यानों से या चिल्लाने से लोग नहीं मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है हमें ये सब काम करके दिखाने होंगे तभी लोग विश्वास करेंगे कि वैदिक सभ्यता महान और विराट है । }