अविज्ञात रहस्यों से भरा-पूरा संसार यह संसार एक विचित्र रंगमंच है, जिस पर तरह-तरह के विलक्षण अजूबे देखने को मिलते हैं. वैज्ञानिक प्रयास करते हैं कि हर प्रत्यक्ष दृष्यमान वस्तु या घटनाक्रम का वे कारण बता सकें, फ़िर भी अनेकों रहस्यों का समाधान वे अपनी तर्कबुद्धि से देने में सक्षम नहीं है. ऎसी विचित्रताएँ हमे यह सोचने पर विवश करती हैं, कि इन अविज्ञात क्रिया-कलापों एवं दृष्यों से भरी यह दुनिया आखिर बनाई किसने?
महाराष्ट्र के जलगाँव में अंजिष्ठा मार्ग पर अहुर नामक एक छोटा सा गाँव है. वहाँ से सेंदुनी जाने वाली कच्ची सडक पर तीन मील दूर पर “सोप” गाँव अवस्थित है. इस गाँव में वाणी सिद्धि का एक अद्भुत चमत्कारी नीम का पॆड है, जिसकी प्रत्येक डाल के पत्ते कडवे हैं, किन्तु सिर्फ़ एक डाल ऎसी है, जिसके पत्तों का स्वाद अत्यन्त मीठा है. कहते हैं. कडॊवा महाराज नाम के एक साधु ने ईश्वर के अस्तित्व और उसकी शक्ति का परिचय देने के लिए ऎसा किया था.
हिन्दमहासागर के रियूनियन द्वीप के केक्टस जाति का एक विचित्र पौधा पाया जाता है. वह अपने जीवन के अन्तिम दिनों में प्रायः पचास वर्ष बाद एक बार ही फ़ूलता है. इसके बाद उसके जीवन का अन्त हो जाता है.
बाई डाँगो अफ़्रीक के गाँव मवाई तथा फ़्रांस के “केन्ड्री” स्थान में एक प्रकार का वृक्ष पाया जाता है, जो वनस्पति विज्ञान के नियमों का उल्लंघन कर वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है. इस वृक्ष की जडॆं कील की तरह होती है. जब कभी तूफ़ान इस पेड के पास पहुँचता है तो वृक्ष चूलनुमा जड के सहारे लट्टू जैसा चक्कर काटने लगता है, जबकि अन्य जाति के हजारों पेड धराशायी हो जाते हैं. जितनी देर दूफ़ान रहता है, वृक्ष नाचता रहता है और तूफ़ान बंद हो जाने के बाद उसका नाचना बन्द हो जाता है.
नदिया( प.बंगाल) जिले के भामजुआन गाँव के एक शिक्षक के घर नारियल का एक ऎसा पेड ल्गा हुआ है, जिसकी शाखाओं में ही उसकी सन्तानें जन्मने लगती हैं. पिछले पाँच साल से इस पेड ने करीब एक सौ पौधों को जन्म दिया और सभी पौधे उस पेड के पत्तों के मूल स्थान से उगे हैं. इस प्रकार पिछले पाँच वर्षों में करीब एक सौ पेडों को अलग स्थानों पर लगाया गया. यदि इन अंकुरों को पेड से अलग नहीं किया जाए तो वे नष्ट हो जाते हैं
गर्म प्रदेशों मे पाया जाने वाला वृक्ष “ समानी सनम” वनस्पति जगत में अपने ढंग का आनोखा वृक्ष है. वह रात्रि में बादल की तरह बरसता है. उस क्षेत्र के निवासी उसी से अपनी जल की आवश्यकता पूरी करते हैं..वह पॆड दिन भर अपने डण्ठलों से हवा की नमी सोखता है और अपना भण्डार भर लेता है. जैसे ही मौसम की गर्मी शांत होती है वह उस भण्डार को खाली करके उस क्षेत्र के प्राणियों की प्यास बुझाता है.
इटली में एक बार दो व्यक्ति ऎसे पैदा हुए जो आकृति और प्रकृति की दृष्टि से इतने समान थे, कि साधारतया उन्हें पहचानना कठिन पडता था. दोनों के नाम भी एक जैसे थे. इनमें से एक किंग अम्बर्टॊ प्रथम था. दूसरा अम्बर्टॊ एक होटल में पहरेदार था. टोकियो नगर में वे दोनो एक ही दिन पैदा हुए. दोनो ने अपने-अपने पद एक ही दिन संभाले. दोनों की पत्नियों के नाम एक ही थे-“मारघेरिटा”. दोनों के एक-एक पुत्र पैदा हुए. दोनो ने अनजाने में पुत्रों का नाम “विहोरियो” रखा. इतना ही नहीं, ये दोनों अम्बर्टॊ मरे भी एक ही दिन. एक ही प्रकार. राजा को उसके दरबारियों ने गोली से उडा दिया, जबकि दूसरा संयोगवश बन्दूक चल जने से घायल हुआ और मर गया.
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सन १९१४ में एक जर्मन जासूस पीटर कार्पन पकडा गया. फ़्रांसीसियों ने गिरफ़्तारी को गुप्त रखा. साथ ही एक दूसरी चाल चली कि पीटर के नाम से झूठॆ समाचार जर्मनी भेजते रहे. साथ ही, जो वेतन-भत्ता जर्मनी से आता उसे झूठे दस्तखतों से वसूल करते रहे. सन १९१७ में पीटर का दाँव लगा और वह जेल से भाग निकला. दूसरी ओर पीटर नाम से मिले वेतन से प्रांसीसी गुप्तचर विभाग के किए एक गाडी खरीदी गई. संयोग की बात कि शहर मे घूमते समय एक व्यक्ति उस गाडी की चपेट में आया और मर गया. मृतक की खोजबीन की गई तो पता चला कि वह कोई और नहीं, बैरक से भागा जासूस पीटर ही था.
ओहियो के फ़िलिप रेण्ड डॆल के दाएँ फ़ेफ़डॆ में गोली लगी और इतनी गहरी घुस गई कि उन दिनों के साधनों को देखते हुए उसे निकालना सम्भव नहीं था. शल्य चिकित्सक ने निराशा व्यक्त की और आपरेशन करने से इन्कार कर दिया. घायल ऎसे ही अस्पताल में पडा रहा. एक दिन उसे जोरों की खाँसी आयी और गोली मुँह के रास्ते बलगम के साथ बाहर निकल गई.
प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन का एक टॊही विमान मोर्चे का सर्वेक्षण कर रहा था. उस्का चालक और सर्वेक्षणकर्ता शत्रु की मशीनगन के शिकर हुए और वे मारे गए. इतने पर भी विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ और घण्टॊं आसमान में उडता रहा और अन्त में ईंधन चूक जाने पर शान्ति के साथ समतल भूमि पर उतर आया. आखिर वह कौन सी चेतन शक्ति थी,जो उस जड विमान का संचालन कर रही थी?