सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः ।
सत्येन वायवो वान्ति सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम् ॥
सत्य ने ही इस पृथ्वी को धारण किया हुआ है, सत्य से ही सूर्य तपता है, पवन भी सत्य से ही चलता है । सबकी प्रतिष्ठा सत्य से ही है।
वेद भी कहता है, "सत्येनोत्तभिता भूमिः" अर्थात यह भूमि सत्य से ही टिकी हुई है|