ग्राम धर्मपुरा के एक मेहनतकस किसान की खुद की कमाई हुई खेती की जमीन को उसका छोटा भाई गांव के सरपंच व पटवारी के साथ मिलकर एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत एक कंपनी को कानूनी रूप से अधिग्रहीत करवा देता है और खुद बड़ा भाई बनाकर सारा पैसा उठाकर हजमा कर लेता है। उसके बाद उसके बड़े भाई को वह ज़मीन वापस मिल पाती है या नहीं यह भविष्य के गर्त में छिपा है।
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