झूठ के बाजारों में सत्य का खरीददार कौन है
बेइमानी का बोलबाला है ईमानदारी साधे मौन है
चेला गुरू को ज्ञान सिखाता चोर पुलिस को डांटे
"देशभक्ति" के प्रमाण पत्र "गद्दार" यहां पर बांटे
"वैश्याएं" आईकॉन बन रहीं मीडिया "नंबरदार"
स्वत: संज्ञान लेकर जज खुद बन रहे हैं पक्षकार
तानाशाह बता रहे खुद को लोकतंत्र का पहरेदार
"अभिव्यक्ति की आजादी" में गालियों की भरमार
"चारा चोर" बने "जन सेवक" "भ्रष्ट" "ईमानदार"
आतंकियों के सारे हिमायती बन बैठे हैं सरदार
"सिर तन से जुदा" के नारे वाले अहिंसक कहलाते
"जय श्रीराम" बोलने वाले "हवालात" की रोटी खाते
"सत्य" कहना , लिखना, सुनना हिम्मत का काम है
झूठ की इस नगरी में "श्री हरि" सच का जीना हराम है
श्री हरि
23.10.22