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हसीन सपना

15 अक्टूबर 2022

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छल प्रपंच की दुनिया से ये मन भर गया 
झूठ के बोझ तले दबकर इंसान मर गया 
फरेब के बियाबान में ईमान कहीं गुम गया है
बेईमानी के सर्फ से काला मन और निखर गया 

जिसे देखो वही दोहरी जिंदगी जी रहा है 
हंसी होठों पे सजा कर घुट घुट के जी रहा है 
हर चेहरे पे अनेक सुंदर मुखौटे सजे हुए हैं 
ये शातिराना अंदाज इस दिल को अखर गया 

कोई निगाहों से तो कोई आहों से वार करता है 
धोखा उन्हीं से खाता है जिन पर ऐतबार करता है 
हम भी बड़े नादान थे जो कातिल को मसीहा समझ बैठे 
जब चोट दिल पर लगी तो शीशे की तरह बिखर गया 

चलो, अंतरिक्ष में चलते हैं वहां पर तो प्यार होगा 
सत्य का बोलबाला होगा ना झूठ का व्यापार होगा 
कुत्सित मन दूषित तन बेईमानी का धन तो नहीं होगा 
ये हसीं सपना देखते देखते वक्त न जाने कब गुजर गया 

श्री हरि 
15.10.22 


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रचनाएँ
मेरी कविताएं (3)
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विभिन्न विषयों पर कविताओं का एक संग्रह है यह पुस्तक
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शादी के साइड इफेक्ट्स

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उन्होंने हमें बहुत समझाया दो चार का उदाहरण भी गिनाया कहने लगे कि शादी वो लड्डू है जो खाये तो पछताये औरजो ना खाये वो भी पछताये तो हमने कहा कि जब पछताना ही है तो शादी कर के

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यादों के पिटारे से

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<div align="left"><p dir="ltr">माना कि तुम पर कोई हक नहीं <br> पर यादों को कैसे रोक पाओगे <br> जब भी आयेगा बहारों का मौसम <br> तुम यादों में आकर बस जाओगे </p> <p dir="ltr">जब देखता

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जासूसी

25 सितम्बर 2022
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जब से हम प्रतिलिपि पर लिखने लगे श्रीमती जी को बहुत खटकने लगे इश्क मुहब्बत वाले गीत गजल मुक्तक और हसीन फोटो से वे उबलने लगे एक दिन स्टारमेकर पर गाते देख लिया किसी स्वर कोक

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जब जब खोलता हूं अपनी यादों की डायरी तब तब निकल पड़ते हैं कुछ अहसास जो घुटकर रह गये अंतस में चीखते रहे अंदर ही अंदर पर बाहर ना आ सके । होठों ने आने ही नहीं दिया&nbsp

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विदेश दशमी

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बेवफाई

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तेरी बेवफाई भी मंजूर है सनम हमें शुक्र है तूने कुछ देने लायक तो समझा श्री हरि 6.10.22

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भौतिकतावाद अवसान गढ रहा है चारों तरफ आज अवसाद बढ रहा है बरबादी का सामान कंधों पर उठाकर इंसान अपनी मौत की सीढी चढ रहा है कोई बम फोड़ रहा है कोई सिर तोड़ रहा है कोई आंखें द

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हसीन सपना

15 अक्टूबर 2022
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छल प्रपंच की दुनिया से ये मन भर गया झूठ के बोझ तले दबकर इंसान मर गया फरेब के बियाबान में ईमान कहीं गुम गया है बेईमानी के सर्फ से काला मन और निखर गया जिसे देखो वही दोहरी जिंदगी जी रहा

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विश्वास

19 अक्टूबर 2022
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कट्टर ईमानदारी का लबादा ओढ़कर बेइमानी की नई इबारत गढ रहे हो झूठ की रोज नई नई दुकान खोलकर बासी, सड़ा हुआ माल बेच रहे हो मीडिया को कौड़ियों के भाव खरीद कर अपनी हवा हवाई छवि

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सकारात्मकता

20 अक्टूबर 2022
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जमाने के हर गम पर मैं सदा मुस्कुराता रहा । कुछ इसी तरह "श्री हरि" हर दिन बिताता रहा ।। पत्थर भी कम ना फेंके थे लोगों ने मेरी राह में । बस उनसे ही पुल बनाकर मैं मंजिलें पाता रहा ।। सुबह से ही चलन

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ऑपरेशन लोटस

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कुछ लोग भारत जोड़ने में व्यस्त थे कुछ लोग "खड़ाऊ" के तिलक में मस्त थे कुछ लोग "हंगर इंडेक्स" की कलाबाजी से ग्रस्त थे तो कुछ गुजरात में झूठ बेचने में मदमस्त थे जिस देश का सूरज क

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त्सत्य का दर्शन

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झूठ के बाजारों में सत्य का खरीददार कौन है बेइमानी का बोलबाला है ईमानदारी साधे मौन है चेला गुरू को ज्ञान सिखाता चोर पुलिस को डांटे "देशभक्ति" के प्रमाण पत्र "गद्दार" यहां पर बांटे&nbs

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शुभ दीपावली

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तर्ज : चंदन है इस देश की माटी दीप जले मन में आशा का मिट जाये सब अंधियारा । बुद्धि विवेक की ज्योति जले और घर घर फैले उजियारा ।। दुख, दारिद्रय, कलेश मिटें जीवन में खुशहाली चमके म

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गीत : हां मेरे यारा मैं तुझसे प्यार करता हूं

3 नवम्बर 2022
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गीत : आज मैं खुलकर के ये ऐलान करता हूं हां मेरे यारा, मैं तुझसे प्यार करता हूं इश्क है तुझसे ये मैं इजहार करता हूं हां मेरे यारा, मैं तुझसे प्यार करता हूं दिल ही दिल में मैंने

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5 नवम्बर 2022
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