... काश, रोहित का परिवार इस तरह के राजनीतिक षड्यंत्र में फंसने से पहले उन दलितों और पिछड़ों का विचार कर पाता, जो जेआरएफ और नेट जैसे उच्च-स्तरीय परीक्षाएं तो क्या 'मैट्रिक' तक की परीक्षाएं नहीं दे पा रहे हैं. रोहित के परिवार में तो सब उच्च-शिक्षित हैं, जितनी शिक्षा तो कई सवर्णों के पास भी नहीं होगी. बल्कि, यह कहा जाय तो आप 10 सवर्णों से इन परीक्षाओं का फुल फॉर्म भी पूछेंगे तो वह शायद ही बता पाएं. जाहिर है, रोहित का परिवार तथ्यात्मक रूप में सामाजिक असमानता का शिकार नहीं था! हाँ, उनके साथ रोहित की ख़ुदकुशी के रूप में अवश्य ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, किन्तु इस घटना का वास्तविक कारण रहा क्या है, यह बात भी अभी खुलकर सामने नहीं आ सकी है. क्या पता, वह बच्चा किस बात से निराश था. लोग, सुसाइड जैसा कदम 'बाहरी दबाव' की बजाय 'घरेलु' तनावों की वजह से ज्यादा उठाते हैं. देखा जाय तो, किसी का मानव के रूप में जन्म लेना ही काफी है सम्मानपूर्वक जीने के लिए! ... Read full article >> http://editorial.mithilesh2020.com/2016/04/buddham-sharanam-gachchami-hindi.html ]