यह देखा गया है कि सामान्य ज्ञान की तैयारी करते समय, किसी विषय की, विशेषकर सूचीबद्ध जानकारी एकसाथ करने से सबकुछ गड्डमड्ड होने की आशंका रहती है । इस समस्या के निदान के रूप में प्रतिदिन, एक पृष्ठ पर, विविध विषयों से सम्बंधित महत्वपूर्ण एकाध बिन्दु को प्
वर्तमान समय में कंप्यूटर हर किसी की आवश्यकता बन गया है ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां पर कंप्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा हो चाहे वह ऑफिस हो स्कूल हो बैंक या कोई सरकारी कार्यालय हो या कोई प्राइवेट कंपनी हो सभी जगह पर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा
एक समय की बात है शहर से दूर एक छोटे से गाँव मे एक परिवार रहता था जो बहुत ही निर्धन था। उनके परिवार में चार सदस्य रहते थे, जिसमें एक लड़का जिसका नाम सोनू था यह अपने माता -पिता व एक बड़े भाई के साथ रहता था। उनके पास रोज़गार के ऐसा कोई साधन उपलब्ध नही था ज
जरा #मुस्कुरा के देखो, #दुनिया #हँसती नजर आएगी ! #मुस्कराता हुआ #चेहरा कभी भी आउट ऑफ़ फैशन नही होता, इसलिए #मुस्कारते रहो ! मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है, वर्ना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला दिखता है सदा मुस्कुराते रहिये #मुस्कुराने से
प्रस्तुत कविता में कवि ने संघर्षमय जीवन को 'अग्नि पथ' कहते हुए मनुष्य को यह संदेश दिया है कि राह में सुख रूपी छाँह की चाह न कर अपनी मंजिल की ओर कर्मठतापूर्वक बिना थकान महसूस किए बढते ही जाना चाहिए उन्होंने साहस और सत्यता के साथ सीधी-सादी भाषा शैली म
आज का समय इंटरनेट और कम्प्युटर का समय है इस लिए इसे कम्प्युटर का युग या डिजिटल जमाना कहा जाता है। यह बहुत अच्छा है की मनुष्य विकास कर रहा है लेकिन भौतिक विकास के साथ साथ आद्यत्मिक विकास भी होना चाहिए। इंटरनेट और कम्प्युटर से ही विचार क्रांति भी पैद
अक्सर कहां जाता है कि नव पीढ़ी हिन्दू धर्म से अपरिचित है और यह सत्य भी है क्योंकि अंग्रेजी माध्यम पाठशालाओं व विद्यालयों के पाठ्यक्रम में हिन्दू धर्म के बाबत कोई अध्याय नहीं । वर्तमान वैश्विक माहौल में अंग्रेजी माध्यम अनिवार्य है । ऐसे में संरक्षकों क
‘कोयला और कवित्व' में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की सन् साठ के बाद रची गई ऐसी कविताएँ हैं जो अपने आधुनिकता-बोध में पारदर्शी तो हैं 'कोयला और कवित्व' में संकलित कविताएँ अपने आकार में बहुत बड़ी न होकर भी अपनी प्रकृति में बहुत बड़ी हैं। एक बड़े कालखंड से जुड़
स्वर्ग धरा पर लाऊंगा जात पात का भेद न हो , ऊंच नीच में फर्क न हो सभी करे प्रेम आपस में समाज में कोई द्वेष न हो ऐसा कुछ कर जाऊंगा स्वर्ग धरा पर लाऊंगा ऐसा ही कुछ कर जाऊंगा शिक्षा का हो घर घर उजियारा परिवार साथ रहे हमारा बुजुर्गो का
फ़िल्म स्क्रिप्ट पर आज इंटरनेट पर अनेक उदवरण मिलते है इससे अलग मैंने अनेक व्यवहारिक पहलू समझाने का प्रयास किया है. ताकि सिर्फ लिखना ही नहीं सीखेंगे वरन स्क्रिप्ट क्या और कैसी हो इसे भी जानेंगे.
योग्यतापरक शिक्षा को समर्पित राजस्थान के सीकर जनपद के लक्ष्मणगढ़ में स्थित वह शैक्षणिक श्रृंखला जहां व्यक्तित्व विकास के साथ ही रोजगारपरक एवं उदेश्यपरक शिक्षा मिलती है...
प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण Trickly जानकारी।
‘आत्मा की आँखें' में संकलित हैं डी.एच. लॉरेन्स की वे कविताएँ जो यूरोप और अमेरिका में बहुत लोकप्रिय नहीं हो सकीं, लेकिन दिनकर जी ने उन्हें चयनित कर अपनी सहज भाषा-शैली में इस तरह अनुवाद किया कि नितान्त मौलिक प्रतीत होती हैं। कविताओं की भाषा गढ़ने के ल
मेरे प्रिय विधार्थियो यह बहुत ही उपयोगी Gk की किताब है। जिसमे की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नो को सामील किया गया है।
जिंदगी में कई पल ऐसे होते है कि अब करना क्या चाहिए। जिंदगी और मौत के उस समुंद्र में खड़े पाते है कि सब कुछ कायनात पर छोड़ देते है लेकिन आत्मा से आवाज आती है क्या तुमने हार मान ली....
नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चों के बहु विधि ज्ञान वर्धन के लिए किया गया यह प्रयास निश्चित ही समस्त हिन्दी भाषी के लिए एक गौरव का विषय होना ही चाहिए। बहु प्रचलित सरल चौपाई छन्द बच्चों को शीघ्रातिशीघ्र याद हों जायेगा। हिन्दी वर्णमाला के
जिसके विचार सुंदर हो वह व्यक्ति कभी भी कहीं पराजित नहीं होता, सफलता उसको निश्चित मिलती है। मेहनत , कर्म और उचित ज्ञान के बिना कोई भी व्यक्ति सफलता हासिल नहीं कर सकता। सफलता की प्राप्ति के लिए आपके मन और विचारों का शुद्ध होना भी आवश्यक है। सुविचार मा