shabd-logo

सिर्फ़ तुम

4 मार्च 2022

11 बार देखा गया 11

पलके बंद करूँ तो ख़्वाब मे तुम,
जो आँखें खोलु तो ख़्याल मे तुम;
ग़र ना दिखो कभी आसपास,
तो मन के हर सवाल मे तुम;
जो नज़र भर का दीदार हो गया,
तो हर सवाल के जवाब मे तुम;
बड़ी अज़ीब रोग है ये इश्क़ भी,
हर लफ़्ज़ भी तुम किताब भी तुम..!!

                      :akanksha.ispriya

आकांक्षा की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए