पलके बंद करूँ तो ख़्वाब मे तुम,
जो आँखें खोलु तो ख़्याल मे तुम;
ग़र ना दिखो कभी आसपास,
तो मन के हर सवाल मे तुम;
जो नज़र भर का दीदार हो गया,
तो हर सवाल के जवाब मे तुम;
बड़ी अज़ीब रोग है ये इश्क़ भी,
हर लफ़्ज़ भी तुम किताब भी तुम..!!
:akanksha.ispriya