4 मार्च 2022
पलके बंद करूँ तो ख़्वाब मे तुम, जो आँखें खोलु तो ख़्याल मे तुम; ग़र ना दिखो कभी आसपास, तो मन के हर सवाल मे तुम; जो नज़र भर का दीदार हो गया, तो हर सवाल के जवाब मे तुम; बड़ी अज़ीब रोग है ये इश्क़ भी, ह
24 अक्टूबर 2021
कोशिश ये मेरी है की मेरे भी लफ्ज़ खत्म हो