एक इंसान के तौर पर मैंने सीखा कि आपको
दूसरे इंसान के व्यवहार के हिसाब से खुद की
सोच को एडजस्ट करना पड़ता है।
-अश्विनी कुमार मिश्रा
6 अप्रैल 2021
एक इंसान के तौर पर मैंने सीखा कि आपको
दूसरे इंसान के व्यवहार के हिसाब से खुद की
सोच को एडजस्ट करना पड़ता है।
-अश्विनी कुमार मिश्रा
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दोस्तों, मेरा नाम अश्विनी कुमार मिश्रा (Ashvini Kumar Mishra) है। मेरा मूल निवास इंदौर मध्यप्रदेश है। मैने कॉमर्स में ग्रेजुएशन वैष्णव कॉमर्स कॉलेज, देवि अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से किया है। वर्तमान में परिवार सहित राऊ, इंदौर में रहता हूँ। इंदौर में ही छोटा सा बिज़नेस है। मुझे जब भी समय मिलता है- घर में मोबाइल खोलकर लिखने बैठ जाता हूँ।
Dबड़ा आश्चर्य हुआ यह पढ़ कर की सोच भी एडजस्ट की जा सकती है. मेरे विचार से यह संभव नहीं है. दुसरे के व्यवहार के अनुसार आप अपने व्यवहार में कुछ एडजस्ट-मेन्ट कर सकते हैं ; वह भी अपनी सोच के अनुसार. सोच कर देखें कि क्या आप है अपनी सोच (यदि वास्तव में वह आपकी सोच है) में जल्दी ही परिवर्तन ला सकते हैं? शुभ कामनाओं सहित. वीरेंद्र
8 अप्रैल 2021