shabd-logo

स्त्री विमर्श की किताबें

Feminism books in hindi

स्त्री विमर्श से जुड़े सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारे संग्रह में स्त्रियों पर पुरूष लेखकों के नजरिये के अलावा स्त्री लेखिकाओं का स्वीकरण भी है। यहां स्त्री विशेष समस्याओं के निवारण से ले कर उनके हितों से जुड़े सामग्री का बड़ा संग्रह है। तो जानते हैं स्त्रियों पर स्त्रियों का स्वघोष।
एक ज़मीन अपनी

विज्ञापन की चकाचौंध दुनिया में जितना हिस्सा पूँजी का है, शायद उससे कम हिस्सेदारी स्त्री की नहीं है। इस नए सत्ता-प्रतिष्ठान में स्त्री अपनी देह और प्रकृति के माध्यम से बाज़ार के सन्देश को ही उपभोक्ता तक नहीं पहुँचाती, बल्कि इस उद्योग में पर्दे के पीछे

3 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
6 अध्याय
1 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

नकटौरा

मूर्धन्य कथाकार चित्रा मुद्गल का यह पांचवां उपन्यास भी कथ्य और ट्रीटमेंट के स्तर पर एक नवीन कथा–धरती का निर्माण करता है । जैसा इस उपन्यास के शीर्षक से जाहिर है, यह स्त्रियों को मिलने वाली एक रात की स्वायत्तता के प्रसंग से प्रेरित अवश्य है किन्तु कथाक

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
2 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
595
प्रिंट बुक

स्वाँग

जेल में बंद एक कुरूप लड़की को आदालत में पेश किया जाता है। मीडिया और लोगों की भीड़ कोर्ट के बाहर खड़ी होती है। आक्रमक क्रांतिकारी महिलाओं की भीड़ से बचाकर पुलिस उस अपराधी को कोर्ट रूम ले जाते हैं। उस लड़की का अपराध विपक्ष वकील के द्वारा साबित कर दिया

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
5 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
151
प्रिंट बुक

औरत के लिए औरत

इन लेखों में जीवन की आंच भी है और आस भी कि स्वयं नारी अपने प्रति होते हुए अत्याचारों और शोषण का रुख बदलेगी.. पुस्तक में सिर्फ महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचारों और हिंसा का उल्लेख्य है, उन्होंने कहीं भी कामयाबी की सीढ़िया चढ़ रही महिलाओं का जिक्र नही क

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
1 अध्याय
7 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

गूँगा आसमान

गूंगा आसमान प्रख्यात लेखिका नासिरा शर्मा का चर्चित कथा संचयन है । जिसमें उनकी 12 कहानियां संकलित की गई है । जिसमें खुशबू का रंग, सरहद के इस पार, गूंगा आसमान, यहूदी सरगर्दान, जड़ें, काला सूरज, तीसरा मोर्चा, इमाम साहब, ततैया, मेरा घर कहां? नई हुकूमत औ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
7 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
120
प्रिंट बुक

कवि ने कहा

अपनी कोमल भावनाओं तथा विवेकशीलता और संवेदनशीलता के कलात्मक संयोजन के कारण अनामिका की कविताएं अलग से पहचानी जाती हैं । स्त्री-विमर्श के इस दौर में स्त्रियों के संघर्ष और शक्ति का चित्रण तो अपनी-अपनी तरह से हो रहा है, लेकिन महादेवी वर्मा ने जिस वेदना औ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
187
प्रिंट बुक

लालटेन बाज़ार

लालटेन बाज़ार मीरा का मुहल्ला था जहाँ वह पली-बढ़ी थी। इस बाज़ार में शुरू से अन्त तक चपलनयन गायिकाएँ भरी थीं और उन्हीं में से एक थी मीरा की माँ। पितृहीन मीरा का जन्म ज़रूर एक गाने वाली के कोठे पर हुआ लेकिन उसकी माँ और खुद उसका सपना था उस बदनाम लालटेन

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
8 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
160
प्रिंट बुक

शाल भंजिका

अनूठे गद्य में अपनी कथा–भाषा रचने वाली मनीषा कुलश्रेष्ठ का यह उपन्यास ‘शालभंजिका’ पढ़ने का अर्थ एक खास किस्म की ऐन्द्रिक अनुभूति । यहां पाठक उपन्यास के चरित्र की तरह भावावेश में उस स्त्री चरित्र को जैसे देखता ही रह जाता है और फिर सोचता है–––‘आजकल भी ऐ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
9 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

पंचकन्या

'शिगाफ़' और 'शालभंजिका' जैसे उपन्यासों के बाद मनीषा कुलश्रेष्ठ का नया उपन्यास 'पंचकन्या' कई पुराणों और मिथकों की अन्तर्धव्नियों को अपने में समेटे वर्तमान की ज़मीन पर भारतीय स्त्री के जीवन, उसकी अस्मिता, उसके स्वप्नों और भविष्य की संभावनाओं को नए सिरे

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
9 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
290
प्रिंट बुक

इदन्नमम

हिंदी कथा-रचनाओं की सुसंस्कृत सटीक और बेरंगी भाषा के बीच गाँव की इस कहानी को मैत्रेयी ने लोक-कथाओं के स्वाभाविक ढंग से लिख दिया है

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
399
प्रिंट बुक

चाक

‘चाक’ सामन्ती समाज के भीतर व्याप्त हिंसा और स्वार्थों की टकराहट की प्रामाणिक कहानी है। इस समाज का ताना-बाना हिंसा और सेक्स से बना है। मैत्रेयी इन दोनों को ही एक कथाकार की निगाह से पात्रों के आचार-विचार और सोच के रूप में प्रभावशाली ढंग से पकड़ती हैं।

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
395
प्रिंट बुक

फ़रिश्ते निकले

हाशिये का यथार्थ और संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे जानने-पहचानने और शब्द देने के लिए सरोकार-सम्पन्न रचनाशीलता की ज़रूरत होती है। कहना न होगा कि मैत्रेयी पुष्पा ऐसी रचनाशीलता का पर्याय बन चुकी हैं। अपने कथा-साहित्य और विमर्श आदि के द्वारा उन्होंने

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

 नमस्ते समथर

कुन्तल ने चाहा था कि एक साहित्यिक संस्था के ज़िम्मेदार पद पर आई है तो साहित्य को समाज की मशाल बनाने का उद्योग करेगी। कुछ ऐसा करेगी कि उस मँझोले शहर का कोना-कोना साहित्य के स्पर्श से स्पन्दित हो उठे। युवा प्रतिभाओं को वह आकाश मिले जो उनका हक़ है, और म

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

खुली खिड़कियां

यह किताब रणभेरी गुंजाती ऐसी अस्मिताओं के नाम, जिन्होंने अपनी अंतश्चेतना के झरोखों से उन औरतों की तकलीफें देखी हैं, जो पितृसत्ता के किले में आज भी बंद हैं। कहने के लिए देश की आजादी की उर्द्धशतीमनाकर हम इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर गए हैं !

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
13 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
200
प्रिंट बुक

तारीख़ में औरत

औरत ने कुदरत को सँवारकर रखने में अपनी हिस्सेदारी निभाई क्योंकि उसका जन्म ही सृजन के लिये हुआ था। उसने युद्ध नहीं रचे। उसे इसकी फ़ुरसत ही नहीं थी। तमाम तरह की विभीषिकाओं के बीच और उनके गुज़र जाने के बाद भी उसने जीवन के बीज बोए। इसके लिये उसे कभी किसी अत

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
14 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
400
प्रिंट बुक

द्रौपदी

द्रौपदी महाभारत ही नहीं, भारतीय जीवन तथा संस्कृति का एक अत्यन्त विलक्षण और महत्त्वपूर्ण चरित्र है-परन्तु साहित्य ने अब तक उसे प्रायः छुआ नहीं था। उपन्यास के रूप में इस रचना का एक विशिष्ट पक्ष यह भी है कि इसे एक महिला ने उठाया और वाणी दी है, जिस कारण

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
19 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
295
प्रिंट बुक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए